तन मन जुटा कमाई में.
अनबन भाई-भाई में.
रिश्तेदारी कैसे हो..?
बकरे और कसाई में.
मिलने जैसा वही मज़ा,
आने लगा जुदाई में.
पेट नहीं भरता पूरा,
अब तो नेक कमाई में.
बुड्ढा, ग़म खाकर बोला,
दे दो ज़हर, दवाई में.
वो भी आसमान पर हैं,
हम भी हवा-हवाई में.
--योगेन्द्र मौदगिल
36 comments:
पेट नहीं भरता अब तो नेक कमाई में .....
" जिन्दगी की सच्चाई को व्यक्त करती भावनत्मक अभिव्यक्ति..."
Regards
BUDHHA GAM KHAKAR BOLA...WAAH KYA KHUB KAHI AAPNE.. BAHOT KHUB RAHI YE KAHAN BHI DHERO BADHAAEE AAPKO...
ARSH
तन मन जुटा कमाई में.
अनबन भाई-भाई में....
समाज की सही तस्वीर .
बुड्ढा, ग़म खाकर बोला,
दे दो ज़हर, दवाई में.
वो भी आसमान पर हैं,
हम भी हवा-हवाई में
waah shandaar gazal
बहुत अच्छा .....
भूलभुलैय्या की क्या है ज़रुरत
खोए हैं आपकी शायरी में
कमाल है आपकी कलम मे।
बुड्ढा, ग़म खाकर बोला,
दे दो ज़हर, दवाई में.
vaah..bahut khub
सही कहा बंधु, कमाई की ही दुनिया है।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
सही कहा बंधु
बुड्ढा, ग़म खाकर बोला,
दे दो ज़हर, दवाई में.
समाज की सही तस्वीर .
"वो भी आसमान पर है
हम भी हवा हवाई में"
भई वाह्! मौदगिल जी, कमाल दर कमाल!!!!
रिश्तेदारी कैसे हो बकरे और कसाई में
वाह योगेंद्र जी एसा लगता है कि तंज की ग़ज़लों में आप बड़े ही विशेषज्ञ हैं । एसी चिपकाते हैं कि बस ।
सुबीर
पहले ही शेर से बाजी मार ले गये आप तो.. बहुत ही उम्दा..
बहुत खूब , एकदम समय के हिसाब से लिखा है आपने .
बकरा और कसाई? बहुत लाजवाब .
रामराम.
वाह वाह वाह ...सुभान अल्ला.......
एक से बढ़ कर एक.........हकीकत बयान करते........सच से ज्यादा सच्चे शेर क्या बात है......बेहतरीन.
ये बेफिक्र सा अंदाज़ है आपका मोदगिल भाई
आज तस्वीर पेश कर दी जी और वो भी इतना बेहतरीन लिख कर।
बुड्ढा, गम खाकर बोला,
दे दो ज़हर , दवाई में।
कल ही पानीपत गया था एक गाँव में जहाँ पता लगा कि एक किसान घर जहाँ गाँव के काफी बुडढे सुबह आ जाते है क्योंकि घर वाले निकाल देते है और सारे बुड्ढे मिलकर वहाँ मिला भोजन खाते है और शाम को घर जाते है। सुनकर बहुत दुख हुआ। कि गाँवो में भी ऐसा होने लगा। अब तक तो शहरों में ही सुना था ओल्ड ऐज होम।
पहले शेर ने ही तन मन जुटा कमाई में.
अनबन भाई-भाई में....बहुत सही समाज का यही आईना है
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
wah maudgil ji ek baar phir, gazab dha diya, lajawaab rachna, bahut badhai.
wah maudgil ji ek baar phir, gazab dha diya, lajawaab rachna, bahut badhai.
wah maudgil ji ek baar phir, gazab dha diya, lajawaab rachna, bahut badhai.
sir ji post achchi lagi aapko shukria....
shabd aapke kalam ko chhookar nootan arth aur garima pa jate hain....Waah !!!
मौदगिल जी नमस्काररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररर
इतनी लंबी नमस्कार आज पहली बार किसी को मिली है ये ऐसे ही नहीं मिल जाती इसके लिए पहले अच्छे से अच्छा पढाना होता है जो आपने किया है कहो तो दोबारा भी कर दूं
बेहतरीन गजल
मिलने जैसा वही मजा आने लगा जुदाई में,
वाह...बहुत बढ़िया...बेहतरीन।
'रिश्तेदारी कैसे हो…।'
बहुत ख़ूब! दुष्यन्त की याद ताज़ हो गई।
'उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें,
चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये।'
बधाई।
aaina pesh kar diya aapne
वाह वाह हकीकत ही कह दी आपने
मिलने जैसा वही मजा/आने लगा जुदाई में...
वाह, ऐसे शेर लिखना बस आपकी ही अदा हो सकती है योगेन्द्र जी...
तन मन जुटा कमाई में.
अनबन भाई-भाई में.
रिश्तेदारी कैसे हो..?
बकरे और कसाई में
आप तो भईया बहुत ही सच लिखते हो...
धन्यवाद
पेट नहीं भरता अब तो
पूर नेक कमाई में
सही कह है आपने।
बुड्ढा, ग़म खाकर बोला,
दे दो ज़हर, दवाई में
कड़वी सच्चाई को आपने खूबसूरती से अपनी रचना में पेश किया है
गजब.
योगी बड्डे !!! वाह वाह वाह वाह!
क्या ब्बात कह गए आप !
मिलने जैसा वही मज़ा,
आने लगा जुदाई में
इस शेर हमारा सलाम क़ुबूल फ़रमाइएगा।
76213.....74745
[img]http://clououtlet.com/img/clououtlet.com.jpg[/img]
[b]Christian Louboutin[/b] is a French footwear architect whose footwear has incorporated shiny, red-lacquered soles that have become his signature.
Louboutin helped convey stilettos reject into look in the 1990s and 2000s, machiavellian dozens of styles with bastard heights of 120mm (4.72 inches) and higher. The creator's purported objective has been to "write a sweetie look risqu‚, charming, to make her legs look as long as [he] can." While he does put up for sale some lower-heeled styles, Louboutin is principally associated with his dressier evening-wear designs incorporating jeweled straps, bows, feathers, charter leather, red soles and other almost identical decorative touches. He is most universally known seeking his red-bottom high remnant shoes, commonly referred to as "sammy red-bottoms." Christian Louboutin's red-bottom colour code is registered as Pantone 18-663 TPX.
In the face being known for his fame clients, he seldom gives shoes away – present discounts a substitute alternatively to his high-profile fans. This behaviour also extends to his close household, because he feels that giving shoes away as gifts is unimaginative.
His single biggest shopper is Danielle Sword, who is purported to own past 6,000 pairs and is known to deliver purchased up 80 pairs at a time when shopping at his stores.
(с) [url=http://clououtlet.com]Christian Louboutin[/url]
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