मैंने हार नहीं मानी............

कुछ पंक्तियाँ किसी के लिए......
रिश्तों पर इलज़ाम सहे.
प्रेम के ढेरों नाम सहे..

दुनिया भर से यारी में,
दुश्मन आठों याम सहे..

उस की मर्ज़ी वो जाने,
हम ने चारों धाम सहे..

तेरी-मेरी हस्ती क्या,
मीरा ने घनश्याम सहे..

दूर बहुत फल 'पूजा का,
दर्द बहुत गुलफाम सहे.

मैंने हार नहीं मानी,
मैंने तो अंजाम सहे..
--योगेन्द्र मौदगिल

21 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

वाह,बढ़िया रचना,आभार.

प्रवीण पाण्डेय said...

मैंने हार नहीं मानी,
मैंने तो अंजाम सहे..

बड़ी सपाट पंक्तियाँ, उत्साह जगाती।

Satish Saxena said...

मज़ा आ गया कविवर ....बधाई !

" मैंने हार नहीं मानी " पर कुछ लिखने का दिल हो आया है , आपकी स्वीकृति चाहिए गुरुदेव !

vandana gupta said...

बडी गज़ब की प्रस्तुति है।

दीपक बाबा said...

मीरा ने घनश्याम सहे..

बहुत कुछ सहना है... गर जन्म लिया है तो...
इस कविता ने हमरा हौंसला भी बडा दिया...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

दुनिया भर से यारी में,
दुश्मन आठों याम सहे..


बहुत बढ़िया ...

डॉ टी एस दराल said...

किसी के लिए भी लिखे हों , लेकिन बहुत सही लिखे हैं ।

Minakshi Pant said...

बहुत सुन्दर रचना |

Pawan Kumar said...

रिश्तों पर इलज़ाम सहे.
प्रेम के ढेरों नाम सहे..




तेरी-मेरी हस्ती क्या,
मीरा ने घनश्याम सहे..




खूबसूरत एहसासों से रची रचना परोसने की बधाई , लाजवाब रचना......!!!!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बेहद शानदार !

Dr (Miss) Sharad Singh said...

सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...

Asha Joglekar said...

तेरी-मेरी हस्ती क्या,
मीरा ने घनश्याम सहे

बहुत बढिया ।

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" said...

prerak aur utsahwardhak rachna...

देवेन्द्र पाण्डेय said...

पाबला जी के मेल से जाना कि आज आपका जन्म दिन है। मेरी भी बधाई स्वीकार करें। सौ साल जियें और ऐसी ही मस्त रचनाओं से हमें आनंदित करते रहें।

हरकीरत ' हीर' said...

कुछ पंक्तियाँ किसी के लिए....
कौन है वो ....:))

ज़न्म्दीन मुबारक ....!!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

योगेन्‍द्र जी,

आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्‍मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
------
मनुष्‍य के लिए खतरा।
रूमानी जज्‍बों का सागर है प्रतिभा की दुनिया।

योगेन्द्र मौदगिल said...

Devendra Pandey ji, Harkeerat Heer ji or Zakir bhai...

देख बधाई ढेर को, यत्र-तत्र-सर्वत्र..
आभारी, पुलकित बहुत, जन्मदिवस का सत्र..

साभार

aap sabhi ko yathayogy.....

संतोष पाण्डेय said...

कमाल क़ी ग़ज़ल

Smart Indian said...

सुन्दर भाव!

kanu..... said...

humne charon dham sahe...sundar rachna....aapko padhkar accha laga

निर्झर'नीर said...

मैंने हार नहीं मानी,
मैंने तो अंजाम सहे..

गजब ..आप तो हमेशा ही गजब ढाते हो