नंगी टांगो का नशा

राजनेताओं और अरबपति बाबाओं से 
विवेक की अपेक्षा रखने वाले 
मूढ़ श्रोताओं-पाठकों के नाम




धन के मद में चूर हैं मंत्री-संत्री-संत.
इसीलिए आतंक का नहीं दीखता अंत..

जनता बेचारी मरी सत्ता बे-अफ़सोस.
सिद्ध हो गया देख लो समरथ को नहि दोस..

फैशन शो चलता रहा, मंत्री जी मद - मस्त.
नंगी टांगो का नशा बुद्धि करता ध्वस्त..


नेता गति बखानते, जनता हाहाकार..
मुंबई हाय इत्ती बड़ी, और धमाके चार. ?

सत्ता कहती क्या हुआ..हुए अगर विस्फोट.
ये तो दुनिया का चलन, इस में क्या है खोट..
--योगेन्द्र मौदगिल 





16 comments:

रविकर said...

हर-हर बम-बम
बम-बम धम-धम |

थम-थम, गम-गम,
हम-हम, नम-नम|

शठ-शम शठ-शम
व्यर्थम - व्यर्थम |

दम-ख़म, बम-बम,
तम-कम, हर-दम |

समदन सम-सम,
समरथ सब हम | समदन = युद्ध

अनरथ कर कम
चट-पट भर दम |

भकभक जल यम
मरदन मरहम ||
राहुल उवाच : कई देशों में तो, बम विस्फोट दिनचर्या में शामिल है |

रविकर said...

हर-हर बम-बम
बम-बम धम-धम |

थम-थम, गम-गम,
हम-हम, नम-नम|

शठ-शम शठ-शम
व्यर्थम - व्यर्थम |

दम-ख़म, बम-बम,
तम-कम, हर-दम |

समदन सम-सम,
समरथ सब हम | समदन = युद्ध

अनरथ कर कम
चट-पट भर दम |

भकभक जल यम
मरदन मरहम ||
राहुल उवाच : कई देशों में तो, बम विस्फोट दिनचर्या में शामिल है |

honesty project democracy said...

शानदार...

विशाल चर्चित (Vishal Charchit) said...

मंत्री-संत्री-संत
हो गए सारे लंठ,
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर
खूब खखारा कंठ,
मौदगिल जी ये कविता
है बड़ी ही चंठ....

रश्मि प्रभा... said...

hmmm...

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सही कहा कविराज
परिस्थि्ति विचारणीय है।

डॉ. मनोज मिश्र said...

@सत्ता कहती क्या हुआ..हुए अगर विस्फोट.
ये तो दुनिया का चलन, इस में क्या है खोट..
खरी बात,आभार.

प्रवीण पाण्डेय said...

हवा उड़ते चीथड़े, दिखते नहीं विशेष,
सरकारी मेहमानों को, हो न जाये क्लेश।

Asha Joglekar said...

धन के मद में चूर हैं मंत्री-संत्री-संत.
इसीलिए आतंक का नहीं दीखता अंत..
सही कहा मौदगिल जी । जनता की पर्वाह किसे है ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सत्ता कहती क्या हुआ..हुए अगर विस्फोट.
ये तो दुनिया का चलन, इस में क्या है खोट..

सटीक लिखा है ...

Dr Varsha Singh said...

जनता बेचारी मरी सत्ता बे-अफ़सोस
सिद्ध हो गया देख लो समरथ को नहि दोस

यथार्थपरक रचना...

Dr (Miss) Sharad Singh said...

फैशन शो चलता रहा, मंत्री जी मद - मस्त.
नंगी टांगो का नशा बुद्धि करता ध्वस्त..

Show must go on...भाड़ में जाए देश....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

खरी सच बयानी

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अब जनता तो अवतार की प्रतीक्षा करती है..

डॉ टी एस दराल said...

वाह वाह भाई जी . क्या खूब दोहे लिखे हैं . सुन्दर .

Anju (Anu) Chaudhary said...

bahut khub bhai ji....kaash kisi mantri ke sath aisa ho tho pata chale...