मेरा खुद से ही वास्ता गुम है................

बातों से यार, फलसफा गुम है.
मेरा खुद से ही वास्ता गुम है.

मेरी आंखों में खोज ले उस को,
फिर न कहना यहां खुदा गुम है.
मौन पीपल है, चुप है मौलशिरी,
इस कदर सांझ से हवा गुम है.

दरमियानी सी सांवली छोरी,
कितनी खुश है कि आईना गुम है.

लोग विग्यापनों को बांच रहे,
मानो खबरों से वाकया गुम है.

दक्षिणा, चंदा-दान आश्रम का,
यही मुखरित है बस कथा गुम है.

लड़कियों ने बदल लिये चश्मे
बाप कहता है कि हया गुम है

मुआ जोबन है 'मौदगिल' बैरी,
गुम हैं गलियां तो रास्ता गुम है.
--योगेन्द्र मौदगिल

25 comments:

Unknown said...

ras bhar diya

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आज की सच्चाई को कहती अच्छी रचना ..

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

वाह मौदगिल ली, बधाई हो बधाई।

------
जादुई चिकित्‍सा !
इश्‍क के जितने थे कीड़े बिलबिला कर आ गये...।

SANDEEP PANWAR said...

खुद से कभी वास्ता हकीकत में नहीं गुम होना चाहिए

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत ही सुन्दर रचना महोदय...बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाई

प्रवीण पाण्डेय said...

सभी से गुम,
हमी गुमसुम।

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति ||

केवल राम said...

वाह कविराज वाह ....!

नीरज गोस्वामी said...

दरमियानी सी सांवली छोरी,
कितनी खुश है कि आईना गुम है.

भाई जी...जय हो.

नीरज

Manish Khedawat said...

"लड़कियों ने बदल लिये चश्मे
बाप कहता है कि हया गुम है "
hats off to you zi
__________________________________
किसी और की हो नहीं पाएगी वो ||

vandana gupta said...

सच बयाँ कर दिया।

अन्तर सोहिल said...

मेरी आंखों में खोज ले उस को,
फिर न कहना यहां खुदा गुम है

दो बार पढने के बाद भी मौन ही है, टिप्पणी में

प्रणाम

डॉ टी एस दराल said...

चटपटी ग़ज़ल ।
अपनी राम राम स्वीकारें ।

Dr (Miss) Sharad Singh said...

खूबसूरत गज़ल ....खूबसूरत क़ाफिया-रदीफ़....

डॉ. मनोज मिश्र said...

मेरी आंखों में खोज ले उस को,
फिर न कहना यहां खुदा गुम है.
वाह,बहुत सुंदर.

Udan Tashtari said...

बहुत आनन्ददायी...

Pritishi said...

बातों से यार, फलसफा गुम है.
मेरा खुद से ही वास्ता गुम है

achcha hai

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर रचना...महोदय आपकी यह उत्कृष्ट रचना दिनांक 19-07-2011 को मंगलवारीय चर्चा में चर्चा मंच पर भी होगी कृपया आप चार्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर पधार कर अपने सुझावों से अवगत कराएं

prerna argal said...

bahut badiyaa prastuti.majedaar bhi.badhaai aapko.





please visit my blog .thanks.

दीपक जैन said...

चटपटी प्रस्तुति

सदा said...

बहुत खूब कहा है ।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह! हकीकत का आईना है यह रचना....
सादर..

वीना श्रीवास्तव said...

बहुत शानदार...

डॉ0 विजय कुमार शुक्ल ‘विजय’ said...

achchi ghazal .....vaah vaah.

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

hakikat bayan karti rachna..sarthak prayas