कुछ सुनती, कुछ कहती बातें.
खामोशी से बहती बातें.
हाय, ज़माना देख-देख कर,
मन भीतर ही रहती बातें.
सच कहना तो मुश्किल है भई,
मुझको अक्सर कहती बातें.
उन्हें समझना कठिन नहीं रे,
सीमा में जो रहती बातें.
ज्वालामुखी फूटता है तब,
जब बातों को सहती बातें.
सुन कर हवा-हवाई चरचे,
खुले थपेड़े सहती बातें.
बात-बात में कही 'मौदगिल',
बातों में जो रहती बातें.
--योगेन्द्र मौदगिल
20 comments:
बातों ही बातों में एक बेहतरीन ग़ज़ल...बातों की महिमा खूब कही आपने..सुंदर भाव ...हमें बहुत बढ़िया लगी..धन्यवाद ताऊ जी...प्रणाम स्वीकारें
बहुत ही बढ़िया लगती हैं जी
हमको मौदगिल साहब की बातें.
इन बातों में कह डाली हैं
बहुत पते की महती बातें.
बहुत बढ़िया ........प्रणाम स्वीकारें............
आप ने आदतें खराब कर दी हैं..क्या करें,बाज नहीं आते हम भी…
बातों से अफवाहें बनतीं
और चोरों सी भगती बातें.
मैंने उसका नाम लिया था
वन वन देख भटकती बातें.
बात बात में इतनी बात आप ही कह सकते हैं .. बहुत बढिया रचना !!
बहुत खुब जी बातो बातो मै याद आ गई बाते.....
धन्यवाद
बहुत सटीक गज़ल!! वाह!
बहुत सही बातें कही हैं , मोदगिल जी ।
बढ़िया ।
बहुत सुन्दर है ये सारी बातें...
हमेशा की तरह तीखी और सटीक बातें ! शुभकामनायें मौदगिल भाई !
बहुत खूब भाई जब भी करते हो गज़ब ही करते हो...इसी ज़मीन पर चलते चलते हमारे भी दो एक शेर सुन लो...
ठंडे मन से गर कर लो तो
हो जाती सब नक्की बातें
हासिल क्या होता है करके
बे मतलब की रददी बातें
जीवन जीना सिखलाती है
मां की लोरी,पप्पी,बातें
Neeraj
बातों ही बातों में ,निराले अंदाज में, कितनी न्यारी बातें कह डाली आपने ...
बहुत ही सुन्दर रचना....सभी शेर लाजवाब !!!!
bat bat me bat kah dena aapse seekhna padega. shandar prastuti.
hay zaman dekh kekh kar,
man bheetar hi rahti baten
jwala mukhi foote hai jab
jab baton ko sahti baten
subhan allah .....naye javiye hain janab baton ke .......aa ha
Unhe Samajhna kathin nahi re, Seema me jo rahti baaten... bahut khoob..
khoobsoorat hai sir ji.
बातें बातें बातें आपकी कलम हर वक्त बोलती है-- लिखते जाओ जाओ क्या ये थकती नही? बहुत खूबसूरत रचना बधाई
sir bahut sateek aur sanjeeda prastuti...........
बहुत ही सुन्दर रचना....सभी शेर लाजवाब !!!
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