इक शेर

कुछ खास मूड नहीं लिखने का
बस इक शेर याद आ रहा है कि


सब कुछ लुटा दिया तेरे प्यार में सितमगर

इक भैंस बच गई थी वो आज बेच दी


बाय बाय

21 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बयाँ करने को मौदगिल साहब क्या यही बाकी रहा था,
दर्द को पलकों में सुलगते गम, खुद व खुद बोल रहे थे ! :)

Udan Tashtari said...

चलो, भैंस बिक गई..अब सब टंटा खत्म! आराम से सोईये. :)

अमिताभ मीत said...

बाय बाय मत कीजिये मालिक. अब तो वैसे भी कुछ बचा नहीं भैस बेचने के बाद ... अब क्या डर ? बने रहिये !!

समयचक्र said...

बहुत बढ़िया भावपूर्ण चलिए फुरसत हुए ...आभार

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

घोड़े बेच कर सोना सुना था और अब भैंस बेच कर ....

RAJNISH PARIHAR said...

क्या बात है जी?लोग प्यार की निशानी को मरते दम तक नहीं छोड़ते पर आपने अंतिम निशानी भी बेच दी!!!बहुत जुल्म किया जी!चलो बेच दी तो बेच दी पर किसे?

daanish said...

बंधुवर
ऐसे कहाँ जा पाएंगे
भैंस कि हर समस्या का निवारण
तो आपही को करना होगा ना ....

अभिवादन स्वीकारें

सुशील छौक्कर said...

वाह क्या बात है।

डॉ. मनोज मिश्र said...

ये तो आज काफी उम्दा कह गये आप???आभार.

डॉ. मनोज मिश्र said...

ये तो आज काफी उम्दा कह गये आप???आभार.

P.N. Subramanian said...

वाह क्या बात है!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:):)

जब सब कुछ लुटा ही दिया तो भैंस किस खेत की मूली थी...

दिगम्बर नासवा said...

वाह वाह .. गुरुदेव ... प्यार की इंतेहा है ये तो ...
मज़ा आ गया ...

विजयप्रकाश said...

चलो अच्छा हुआ...गयी भैंस पानी में

राज भाटिय़ा said...

अरे अरे वो भेंस का खूंटा अब किस लिये उसे भी बेच दो, दो चार रुपये मै बिक जाये गा, फ़िर बेफ़िक्र हो कर सोये जी

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ताऊ कहवे था के भाई मौदगिल म्हारी भैंस उधार माँग कै ले गया था कि गर्मियाँ गर्मियाँ बालकाँ नैंह दूध दहीं खिवा कै थोडी उनकी सेहत बन ज्यैगी अर पाच्छै कुछ दिनां मैंह वापिस कर दयूँगा...अर थामनै वा उधार की भैंस बी बेच खाई :-)

दीपक 'मशाल' said...

चलिए एक शेर तो मिला आपकी कृपा से वर्ना शेर मिलते कहाँ हैं आजकल... :उफ़ आये हाय.. ओह.. आह.. जाने क्यों पढ़ कर आयोडेक्स लगाने को जी कर रहा है..
)

ताऊ रामपुरिया said...

ओ भाई मेरे ये क्या किया? वो भैंस ताऊ की थी. आपने कैसे बेचदी? चुपचाप मेरी भैंस वापस लाकर दिजिये.:)

रामराम.

-ताऊ मदारी एंड कंपनी

Urmi said...

वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब!

नीरज गोस्वामी said...

पहली बात...बढ़िया हुआ...भैंस चली गयी.... अब घर में आपकी अक्ल बड़ी हो गयी... दूसरी बात...भैंस चली गयी...अब दूध किसका पियोगे?
नीरज

Yogesh Verma Swapn said...

chalo bhains gai , akl to bach gai, pyar men akl bachi rahe , bhains to ani jani cheej hai ji.