व्यंग्य-कवि एवं ग़ज़लकार
बयाँ करने को मौदगिल साहब क्या यही बाकी रहा था, दर्द को पलकों में सुलगते गम, खुद व खुद बोल रहे थे ! :)
चलो, भैंस बिक गई..अब सब टंटा खत्म! आराम से सोईये. :)
बाय बाय मत कीजिये मालिक. अब तो वैसे भी कुछ बचा नहीं भैस बेचने के बाद ... अब क्या डर ? बने रहिये !!
बहुत बढ़िया भावपूर्ण चलिए फुरसत हुए ...आभार
घोड़े बेच कर सोना सुना था और अब भैंस बेच कर ....
क्या बात है जी?लोग प्यार की निशानी को मरते दम तक नहीं छोड़ते पर आपने अंतिम निशानी भी बेच दी!!!बहुत जुल्म किया जी!चलो बेच दी तो बेच दी पर किसे?
बंधुवर ऐसे कहाँ जा पाएंगे भैंस कि हर समस्या का निवारण तो आपही को करना होगा ना ....अभिवादन स्वीकारें
वाह क्या बात है।
ये तो आज काफी उम्दा कह गये आप???आभार.
वाह क्या बात है!
:):)जब सब कुछ लुटा ही दिया तो भैंस किस खेत की मूली थी...
वाह वाह .. गुरुदेव ... प्यार की इंतेहा है ये तो ... मज़ा आ गया ...
चलो अच्छा हुआ...गयी भैंस पानी में
अरे अरे वो भेंस का खूंटा अब किस लिये उसे भी बेच दो, दो चार रुपये मै बिक जाये गा, फ़िर बेफ़िक्र हो कर सोये जी
ताऊ कहवे था के भाई मौदगिल म्हारी भैंस उधार माँग कै ले गया था कि गर्मियाँ गर्मियाँ बालकाँ नैंह दूध दहीं खिवा कै थोडी उनकी सेहत बन ज्यैगी अर पाच्छै कुछ दिनां मैंह वापिस कर दयूँगा...अर थामनै वा उधार की भैंस बी बेच खाई :-)
चलिए एक शेर तो मिला आपकी कृपा से वर्ना शेर मिलते कहाँ हैं आजकल... :उफ़ आये हाय.. ओह.. आह.. जाने क्यों पढ़ कर आयोडेक्स लगाने को जी कर रहा है..)
ओ भाई मेरे ये क्या किया? वो भैंस ताऊ की थी. आपने कैसे बेचदी? चुपचाप मेरी भैंस वापस लाकर दिजिये.:)रामराम.-ताऊ मदारी एंड कंपनी
वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब!
पहली बात...बढ़िया हुआ...भैंस चली गयी.... अब घर में आपकी अक्ल बड़ी हो गयी... दूसरी बात...भैंस चली गयी...अब दूध किसका पियोगे?नीरज
chalo bhains gai , akl to bach gai, pyar men akl bachi rahe , bhains to ani jani cheej hai ji.
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21 comments:
बयाँ करने को मौदगिल साहब क्या यही बाकी रहा था,
दर्द को पलकों में सुलगते गम, खुद व खुद बोल रहे थे ! :)
चलो, भैंस बिक गई..अब सब टंटा खत्म! आराम से सोईये. :)
बाय बाय मत कीजिये मालिक. अब तो वैसे भी कुछ बचा नहीं भैस बेचने के बाद ... अब क्या डर ? बने रहिये !!
बहुत बढ़िया भावपूर्ण चलिए फुरसत हुए ...आभार
घोड़े बेच कर सोना सुना था और अब भैंस बेच कर ....
क्या बात है जी?लोग प्यार की निशानी को मरते दम तक नहीं छोड़ते पर आपने अंतिम निशानी भी बेच दी!!!बहुत जुल्म किया जी!चलो बेच दी तो बेच दी पर किसे?
बंधुवर
ऐसे कहाँ जा पाएंगे
भैंस कि हर समस्या का निवारण
तो आपही को करना होगा ना ....
अभिवादन स्वीकारें
वाह क्या बात है।
ये तो आज काफी उम्दा कह गये आप???आभार.
ये तो आज काफी उम्दा कह गये आप???आभार.
वाह क्या बात है!
:):)
जब सब कुछ लुटा ही दिया तो भैंस किस खेत की मूली थी...
वाह वाह .. गुरुदेव ... प्यार की इंतेहा है ये तो ...
मज़ा आ गया ...
चलो अच्छा हुआ...गयी भैंस पानी में
अरे अरे वो भेंस का खूंटा अब किस लिये उसे भी बेच दो, दो चार रुपये मै बिक जाये गा, फ़िर बेफ़िक्र हो कर सोये जी
ताऊ कहवे था के भाई मौदगिल म्हारी भैंस उधार माँग कै ले गया था कि गर्मियाँ गर्मियाँ बालकाँ नैंह दूध दहीं खिवा कै थोडी उनकी सेहत बन ज्यैगी अर पाच्छै कुछ दिनां मैंह वापिस कर दयूँगा...अर थामनै वा उधार की भैंस बी बेच खाई :-)
चलिए एक शेर तो मिला आपकी कृपा से वर्ना शेर मिलते कहाँ हैं आजकल... :उफ़ आये हाय.. ओह.. आह.. जाने क्यों पढ़ कर आयोडेक्स लगाने को जी कर रहा है..
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ओ भाई मेरे ये क्या किया? वो भैंस ताऊ की थी. आपने कैसे बेचदी? चुपचाप मेरी भैंस वापस लाकर दिजिये.:)
रामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी
वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब!
पहली बात...बढ़िया हुआ...भैंस चली गयी.... अब घर में आपकी अक्ल बड़ी हो गयी... दूसरी बात...भैंस चली गयी...अब दूध किसका पियोगे?
नीरज
chalo bhains gai , akl to bach gai, pyar men akl bachi rahe , bhains to ani jani cheej hai ji.
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