आप सब को होली की अनंत-असीम शुभकामनाऒं सहित
फूलों पर अलमस्त जवानी नहीं रही.
यारों अब वो बात पुरानी नहीं रही.
रंगों की वो शाम सुहानी नहीं रही.
होली भी अब तो मस्तानी नहीं रही.
भाभी-देवर साली-जीजा में अब तो,
छेड़छाड़ और खींचातानी नहीं रही.
कौन लगायें कांटा चूनर पगड़ी में,
चौराहों की रीत पुरानी नहीं रही.
स्कूल-स्लेबस, ट्यूशन या टीवी फैशन,
बच्चों में हम सी शैतानी नहीं रही.
पाज़ेबों के राग, ताल में डूब गये,
वो लहराती चुनरी धानी नहीं रही.
सिंथेटिक युग में रिश्ते भी सिंथेटिक,
राजा बेटा-बिटिया रानी नहीं रही.
बोन्साई और कैक्टस जोड़ीदार हुये,
घर में तुलसी-रात की रानी नहीं रही.
पापा का घर बिन दादी के सूना है,
मामा के घर में भी नानी नहीं रही.
कवि-सम्मेलन जैसे पशुऒं के मेले,
दाद पारखी-बह्र सयानी नहीं रही.
--योगेन्द्र मौदगिल
41 comments:
वाह! वाह! आनंद आ गया। होली की शुभकामनाएँ।
यारों अब वो बात पुरानी नहीं रही.
क्यों नहीं रही?
...रंग में नहाये-से फागुन के दिन आए
...रूप में लजाये-से फागुन के दिन आए
चूनर धानी पहने
अंग-अंग पर गहने
फूलों के क्या कहने
...बेसुध बौराए-से फागुन के दिन आए.
आपकी रचना पढ़कर मन रंगों से सराबोर क्यों उठा? मौदगिल जी, यही आपकी रचना की प्रणम्य शक्ति रही. बधाई
यारों अब वो बात पुरानी नहीं रही.
क्यों नहीं रही?
...रंग में नहाये-से फागुन के दिन आए
...रूप में लजाये-से फागुन के दिन आए
चूनर धानी पहने
अंग-अंग पर गहने
फूलों के क्या कहने
...बेसुध बौराए-से फागुन के दिन आए.
आपकी रचना पढ़कर मन रंगों से सराबोर क्यों उठा? मौदगिल जी, यही आपकी रचना की प्रणम्य शक्ति रही. बधाई
शानदार व्यंग्य है। लेकिन होली फिर भी है उस के रंग हैं। नए रंगे हुए। जीवन भी है और जीने वाले भी हैं। उदासी के साथ साथ कही उल्लास भी तो है।
वाह जी वाह क्या लिखा है दिल खुश हो गया जी।
पापा का घर बिन दादी के सूना है
मामा के घर में भी नानी नही रहीं।
बहुत उम्दा।
कवि मत हो उदास
ब्लॉग जगत में मिलेगा
तुझे रिस्पांस !
होली की रंग बिरंगी शुभकामनाएं !
शुभकामनाएँ।
मौदगिल साहब सबसे पहले आपको होली की ढेरो शुभकामनाएं और बधाइयां .... आपके इस रचना से लग रहा है आप अभी से ही होली के मस्ती में झूम रहे हो ... वाह जी वाह बहोत ही shaandaar tarike से.....
ढेरो badhaai....
arsh
मामा के घर वाला शेर तो शायद पता हो आपको कि आपको कितना मशहूर कर चुका है। इस शेर का मैं भी दीवाना रहा हूँ\ और मजे की बात ये कि बहुत दिनों बाद पता चला कि ये आपने लिखा था।
होली की अग्रीम शुभकामनायें
रंग नया है
ढंग नया है...
जीने का तो जाने कहाँ ढंग गया है..
समय बदल रहा है....
योगेन्द्र भैया,बुरा ना मानो होली है।
योगेन्दर जी .... होली है जी... दादी ओर नानी ने तो... चलिये उदासी दुर करे, ओर यह लो हमारी तरफ़ से गुलाल... होली है जी
होली मनती थी कभी बीते सालों साल
ऐसी किस्मत अब कहां भाभी मलें गुलाल
भाभी सब दादी भईं साली हो गयी सास
उम्र ढली कैसे करें होली में परिहास
भाई साहब क्यों पुराने दिनों को याद कर दुखी होते हो
आती होली में रंगबाजी करिये, रंगबाजी नहीं। होली की सभी को शुभकामनाएँ!
नानी वाला शेर तो .......................... कुछ नहीं बोल सकता क्योंकि जिसे आत्मा मेहसूस करती है उसे जुबान या कलम शब्द नहीं दे सकती । एक बहुत कड़वी सच्चाई वाला शेर कवि सम्मेलन जैसे पशुओं के मेले '' अहा क्या व्ंग्य कसा है अपनी ही बिरादरी पर । मजा आ गया । अभी कुछ दिनों पहले मैं गया था एक कवि सम्मेलन में वहां जाकर सचमुच ऐसा ही एहसास हुआ ।
कैसे लिख लेते हैं इतनी जल्दी जल्दी इतना बढ़िया?
बहुत ही उम्दा जी... होली क़ी आपको भी बहुत शुभकामनाए
मौदगिल जी, होली के पावन उत्सव की हार्दिक शुभकामनाऎं....(बिखेरो गुलाल और छोडो मलाल)
होली है!!!!!!!!!!!!!
पापा का घर बिन दादी के सूना है
मामा के घर में भी नानी नहीं रही
भाई जी आपके इस शेर पे ज़िन्दगी कुर्बान...ये एक ऐसा शेर कह दिया है आपने जिसे भूलना नामुमकिन है...पता नहीं कब इतना खूबसूरत शेर इससे पहले कहीं पढ़ा है...मेरी दिली दाद...यदि ज़िन्दगी में कही मुलाकात नसीब हुई आपसे तो एक किलो मावे की बर्फी सिर्फ इसी शेर की खातिर हलवाई की दूकान पे बैठ के खिलाऊंगा साथ में मालपुए और रबडी बोनस में...
नीरज
HAPPY HOLI HAI JI
होली की मस्ती हर जगह छाई है आपको भी एडवांस में होली की बधाई है।
होली की घणी शुभकामनाएं.
रामराम.
मानोषी की टिप्पणी दुहरा रहा हूं.
क्या खूब कही
जो मर्यादा की सीमा न तोड़े वो जवान नहीं रही
जो भूलें होली के शिकवे वो नादानी नहीं रही.
पापा का घर बिन दादी के......
मोदगिल साहब, हंसते हंसते व्यंग की धार मारते हुवे कितनी संजीदगी भरी बात कह ही
नत मस्तक हैं जनाब...........
hame kya pata tha ki aap ka ye mama wala sher bahut pasand kiya jata hai, hame to yu.n hi pasand aa gaya :) :)
बहुत बढिया । लेकिन वो बातें नही रही हमारे लिये न, जिनके दिन है उनसे पूछिये ।
होली भी है रंग भी गुलाल भी है
और आँखों मे प्यार का कुछ खुमार भी है ।
yogendra ji
sorry for late arrival , i was on tour.
aapki ye rachna ,sirf rachna nahi hai , apitu , ek sacchai hai ,, "ghar men tulsi-raat ki raani nahi rahi " likh kar aapne bahut hi seedhe tarike se hamaare lupt hote achaar -vichaar koe baare men kaha hai .
aapko dil se dero badhai ..
main bhi kuch likha hai , jarur padhiyenga pls : www.poemsofvijay.blogspot.com
आपको भी होली की शुभकामनाएं!
सर्वप्रथम आपको होली की शुभकामनाएं
बहुत ही सही लिखा है आपने
मैंने भी कुछ लिखने की कोशिश की है जरा गौर फरमाएं
देरी के लिए माफी
I liked the way you have used the word "dhani".
Aakhri do Sher bhu bahut achche hain.
God bless
RC
Ek tippani bhool gayi!
Ye kya mouse-pointer laga rakha hai :)
भोर चढ़े ही ले पिचकारी दौडाएं
क्या बतलाएं वो नादानी नही रही :)
होली की शुभकामनाएं!
wah maudgil kya sachchai aur kitne shaandaar gazal men piro kar pesh ki hai main to aapka pakka fan ho gaya. shabdon ki kami khatak rahi hai tareef ke liye. bas wah wah wah......................ati sunder, holi ki dherin shubhkaambayen.
bahut achhe khas taur se nana aor dadi vala sher.....
वाह !!! बहुत सुंदर ... होली की शुभकामनाएं।
bahut achhe teen chalaye hai aapne
holi ki pichkari main bhar kar
Bahut bahut badhayi aapko holi ki
सुन्दर भावपूर्ण रचना.
बहुत सुन्दर लगी रंग बिरंगी भावों की यह अनुपम प्रस्तुति
होली के इस शुभ अवसर पर आपको भी हमारी हार्दिक शुभकामनाये.
कविवर प्रणाम ! आप को और आप के परिवार को ... होली पर मंगलकामनाएं !!
बहुत सुंदर रचना ... होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ.
होली आपको परिवार सहित घणी रामराम.
Post a Comment