चर्चा जारी रहने दो..............

विजयघोष के सन्नारों की चर्चा जारी रहने दो.
अपने-अपने अधिकारों की चर्चा जारी रहने दो.

वरना तुमको खा जायेंगें ये दहशत के सौदाग़र,
बात-बात में अंगारों की चर्चा जारी रहने दो.

जिन कूचों में खेल-खेलते बचपन छूट गया हम से,
उन कूचों की, गलियारों की चर्चा जारी रहने दो.

चैनल युग की आपाधापी, घर का हिस्सा बन बैठी,
विग्यापित साहूकारों की चर्चा जारी रहने दो.

समता व सद्भाव-एकता और समन्वय की खातिर,
कंगूरों से मीनारों की चर्चा जारी रहने दो.

सुबह लान में बैठ चाय की प्याली में तूफ़ान लिये,
पुन 'मौदगिल' अखबारों की चर्चा जारी रहने दो.
--योगेन्द्र मौदगिल

29 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बिल्कुल चर्चा जारी रहनी चाहिये, लेकिन सरकारी चर्चा नहीं, सरकारी में तो चर्चा वहीं की जाती है, जहां काम को लटकाया जाना होता है. अंगारों वाली पंक्तियां मुझे विशेष प्रिय लगीं.

manvinder bhimber said...

arre waah...bahut sunder

makrand said...

wah ji
charcha jari rahen digiye
bauhut umda
rachana

Smart Indian said...

सच कहा,
हर फ़िक्र का बस ज़िक्र यूँ चलता रहे...

seema gupta said...

' bilkul sach kha, charcha mey charcha jaree rehne do, tabhee koee na koee nateeja bhee aayega,..."

regards

ताऊ रामपुरिया said...

सुबह लान में बैठ.... वाह साहब बहुत सटीक ! शुभकामनाएँ

अजय कुमार झा said...

ab aapne chhedee hai to majaal hai ki charchaa band ho jaye jaaree rahegee jee, bilkul jaaree rahegee, yogendra bhai, andaaj pasand aayaa.

Abhishek Ojha said...

एकदम सटीक ! चर्चा तो जारी रहनी ही चाहिए.

"अर्श" said...

मकता कमाल का है बहोत भाया..बहोत ही सुन्दर लिखा है आपने ..
बहोत बहोत बधाई संग साधुवाद ..


अर्श

संगीता पुरी said...

सिर्फ चर्चा ही .....

बवाल said...

Kitni khoobsoorati se kaha gaya sach. Vaah vaah yogee badde kya kahna ! Charcha jaari rahne do.

योगेन्द्र मौदगिल said...

कामनमैन भाई, मनविन्दर जी, मकरन्द जी, अनुराग शर्मा याने स्मार्ट भाई, सीमाजी, ताऊश्री, अजय जी, ऒझा जी, अर्श जी और बवाल जी आप सभी का अभिनंदन......

संगीता जी मैं आपकी टिप्पणी से कुछ कन्फ्यूज़ सा हूं लेकिन आपके स्नेह के समक्ष नतमस्तक हूं...

दरअसल आप सभी का प्रेम ही मुझसे रोज कुछ ना कुछ लिखवा लेता है.

कसम से ऐसा लगता है कि ब्लागेरिया हो गया मुझे.
लेकिन मजा आ रहा है...
ले रहा हूं...
आप भी महसूसें...
महसूस होगा..!!!!!!!!
बस्स.......!!!!!!!
शेष फिर............

जितेन्द़ भगत said...

तीसरी-चौथी पंक्‍ति‍यॉं खास रहीं।
शुक्रि‍या।

Gyan Darpan said...

एकदम सटीक ! चर्चा तो जारी रहनी ही चाहिए.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

बहुत सुंदर लगी आपकी कविता योगेन्द्र भाई साहब...

गौतम राजऋषि said...

मकते ने तो बस कहर बरपा दिया

सुनते रहें हम तेरी गज़लें ऐसे ही हरदम
शेरों में यूं हुंकारों की चर्चा जारी रहने दो

अनुपम अग्रवाल said...

वैसे तो सारी कविता ही श्रेष्ठ है लेकिन तीसरी से छठी लाइन तक बहुत अच्छी लगी .

नीरज गोस्वामी said...

हम तो जहाँ जाते हैं आप की ही चर्चा करते हैं औए आप कह रहे हैं की चर्चा रहने दो...ऐसे कैसे चलेगा भाई जी...बेहद कमाल की ग़ज़ल...वाह.
नीरज

राज भाटिय़ा said...

भाई योगेन्द्र जी हमे तो पुरी कविता ही पंसद आई बहुत सुन्दर लिखा आप ने हमेशा की तरह से.
धन्यवाद

अमिताभ मीत said...

वरना तुमको खा जायेंगें ये दहशत के सौदाग़र,
बात-बात में अंगारों की चर्चा जारी रहने दो.

बहुत बढ़िया है योगेन्द्र भाई. सही है, चर्चा जारी रहनी चाहिए.

Straight Bend said...

Achchi lagi.

Kangooron se meenaron ki ... yeh She'r sabse adhik pasand aaya.

Lay mein padh rahi thi tab "Warna tumko khaa jayenge ye dahshat ke saudagar" ..isey "Warna tumko khaa jayenge dahshat ke ye saudagar" aisa padha toh zyada theek laga. Pata nahin theek keh rahi hoon ya galat .. aapki vaishayik samajh mujhse kahin zyada hai ..., you wd be a better judge.

RC

कंचन सिंह चौहान said...

अपने चिट्ठे पर ऐसी रचनाएं जारी रहने दें......! आपकी रचनाएं पढ़ने के बाद जीभ रचनाकारी की रौ मे आ जाती है..!

Vinay said...

वाह, बहुत ही ज़बरदस्त रचना!

अभिषेक मिश्र said...

जिन कूचों में खेल खेलते...
खूब लिखा है आपने. अच्छी लगी पंक्तियाँ आपकी. चाय की चुस्कियों के साथ स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी.

Ankit said...

अच्छी रचना है.

Asha Joglekar said...

वरना तुमको का जायेंगे ये दहशत के सौदागर
बात बात में अंगारों की चर्चा जारी रहने दो ।

वाह ।

राकेश खंडेलवाल said...

जिन कूचों में-----सुन्दर अभिव्यक्ति है आपकी.

प्रदीप मानोरिया said...

आपने यथार्थ को उकेरा हैं अपनी कलम से

बहुत लंबे अरसे तक ब्लॉग जगत से गायब रहने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ अब पुन: अपनी कलम के साथ हाज़िर हूँ |

Dr.Bhawna Kunwar said...

Bahut sundar abhivaykati....