आज १७ अगस्त २०११ के हालात के नाम .................................

दो मुक्तक.....
आज १७ अगस्त २०११ के हालात के नाम 

मूर्खता का तूने तो चट्टा लगा दिया.
राष्ट्रवादी दूध में खट्टा लगा दिया.
ना तो कहीं से सिंह व मोहन भी नहीं तू,
तूने तो सारे देश को बट्टा लगा दिया..


भ्रष्टाचारियों का नरक-द्वार है तिहाड़.
अन्ना को दी पनाह, नमस्कार है तिहाड़..
अनशन के लिए जिनको तेरी गोद मिल गयी,
उन के लिए तो काशी-हरिद्वार है तिहाड़..
--योगेन्द्र मौदगिल

11 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

@@मूर्खता का तूने तो चट्टा लगा दिया.
राष्ट्रवादी दूध में खट्टा लगा दिया.
ना तो कहीं से सिंह व मोहन भी नहीं तू,
तूने तो सारे देश को बट्टा लगा दिया..
वाह-बहुत खूब.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

aaj ke haalaton par ekdam sahi..

प्रवीण पाण्डेय said...

राई या पहाड़,
अन्ना को तिहाड़?

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया ...

संगीता पुरी said...

बहुत खूब !!

Manish Khedawat said...

bas maza aa gaya /\

Dr (Miss) Sharad Singh said...

करारा व्यंग....

SANDEEP PANWAR said...

सब सच बता दिया।

डॉ टी एस दराल said...

अनशन के लिए जिनको तेरी गोद मिल गयी,
उन के लिए तो काशी-हरिद्वार है तिहाड़॥

वाह , क्या बात कही है ।
शुभकामनायें भाई जी ।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

जय हिन्द

रचना दीक्षित said...

ना तो कहीं से सिंह व मोहन भी नहीं तू,
तूने तो सारे देश को बट्टा लगा दिया..

सुंदर व्यंग से मन को प्रसन्न कर दिया.