प्यार के प्रतीक ढूंढना...............

जब भी कोई लीक ढूंढना.
प्यार के प्रतीक ढूंढना.

जि़न्दगी है लंबा सफ़र,
साथ ठीक-ठीक ढूंढना.

कोई जल्दबाज़ी नहीं,
दुश्मनी सटीक ढूंढना.

कल्पना में हिंद-कुश रहे,
अब ना रोमां-ग्रीक ढूंढना.

पत्थरों से दोस्ती हो तो,
मेरे सा हक़ीक ढूंढना.

प्रेम-धागा खो गया कहीं,
ध्यान से बारीक़ ढूंढना.
--योगेन्द्र मौदगिल


30 comments:

Satish Saxena said...

आज तो सदके जावां ...
:-)
भाभी जी को प्रणाम !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह ..बहुत सुन्दर रचना ..प्यार के प्रतीक ... बहुत सुन्दर

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आज तो गज़ल में घणा ही वजन सै
क्युंके पहले तो एकले का था,
इब भाभी जी भी साथ सै।

राम राम

प्रवीण पाण्डेय said...

आपके चित्र में ही प्यार के प्रतीक और प्रमाण मिल गये।

रविकर said...

बहुत-बहुत बधाई ||

Dr Varsha Singh said...

खूबसूरत तस्वीर के साथ खूबसूरत ग़ज़ल...

डॉ टी एस दराल said...

प्रेम धागे को थामे रखना भाई ।
आज कुछ खास बात है क्या ?
बिन जाने भी बधाई ।

आपका अख्तर खान अकेला said...

yogendr bhai bhtrin .akhtar khan akela kota rajsthan

Dr (Miss) Sharad Singh said...

पत्थरों से दोस्ती हो तो,
मेरे सा हक़ीक ढूंढना.
प्रेम-धागा खो गया कहीं,
ध्यान से बारीक़ ढूंढना.


वाह, क्या बात है...बहुत खूब...

Sunil Kumar said...

वाह वाह आज खुबसूरत ग़ज़ल के साथ , मुबारक हो

डॉ. मनोज मिश्र said...

@@जि़न्दगी है लंबा सफ़र,
साथ ठीक-ठीक ढूंढना.....
वाह ..बहुत सुन्दर..

Alpana Verma said...

पत्थरों से दोस्ती हो तो,
मेरे सा हक़ीक ढूंढना.

प्रेम-धागा खो गया कहीं,
ध्यान से बारीक़ ढूंढना.

लाजवाब!

मनोज कुमार said...

बहुत ही प्यारी ग़ज़ल।

विभूति" said...

bhut bhut sunder rachna....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत अच्छा मशविरा सजीले शब्दो में...धन्यवाद और बधाई

वीना श्रीवास्तव said...

बहुत बढ़िया....

Asha Joglekar said...

प्रेम का धागा सही ढूँढा है । प्यारी गज़ल ।

नीरज गोस्वामी said...

कोई जल्दबाज़ी नहीं,
दुश्मनी सटीक ढूंढना.

भाई जी मान गए...

नीरज

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

छोटी बहर की बहुत बढ़िया ग़ज़ल ...
हर शेर जानदार..

prerna argal said...

प्रेम-धागा खो गया कहीं,
ध्यान से बारीक़ ढूंढना.bahut sunder shabdon ka chayan liye sunder rachanaa.badhaai aapko.

Arunesh c dave said...

क्या खूब लिखा है आपने मजा आ गया

mridula pradhan said...

जब भी कोई लीक ढूंढना.
प्यार के प्रतीक ढूंढना.
lajabab......bahut sunder.

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर रचना...बधाई

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब गुरुदेव ,... लाजवाब लिखा है इस छोटी बहार में भी कमाल किया है ... साथ में भाभी हैं तो हमारा प्रणाम ...

रश्मि प्रभा... said...

पत्थरों से दोस्ती हो तो,
मेरे सा हक़ीक ढूंढना.
- waah

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

अद्भुत.... लाज़वाब....
सादर...

Udan Tashtari said...

वाह!! बेहतरीन ...बहुत उम्दा रचना.

udaya veer singh said...

जि़न्दगी है लंबा सफ़र,
साथ ठीक-ठीक ढूंढना.
क्या बात है मित्र पहली बार पढ़ा apko ,परिपक्व काव्य एवं विचार कभी -२ मिलते हैं , सुंदर कथ्य व शब्द संयोज प्रीतिकर है,शुक्रिया जी /

गीता पंडित said...

आज आपकी गजल पढ़ने का अवसर भी मिल गया...आहा,,,छोटी बहार की बहुत उम्दा गज़ल...

आभार मोदगिल जी..:)

Anonymous said...

जि़न्दगी है लंबा सफ़र,
साथ ठीक-ठीक ढूंढना.

कोई जल्दबाज़ी नहीं,
दुश्मनी सटीक ढूंढना.

dil ko chhu gayin ye panktiyan.
--Mayank