नई गुदगुदी में प्रकाशित
मेरी एक ग़ज़ल
अंतर सोहिल के नाम
करते-करते ब्लागिंग भैया ये तो टेढ़ा काम किया.
तुमने पीकर ले अंगड़ाई मुफ्त हमें बदनाम किया.
साथ-साथ ये बतला देते तो भी कितना अच्छा था,
दिन में ही कर डाला सब कुछ या सुबहो या शाम किया..
सभी पडौसी बहुत सजग हैं चूँ-चूँ सुन बतला देंगे,
खटिया पर आराम किया है या फिर तुमने काम किया...
रोड-जाम में जाम खींचने वाली हरकत कर डाली,
भैस को बीवी समझ के जालिम पूँछ पकड़ परनाम किया....
मधुशाला की मधुबाला की मस्ती में जब यार रमे,
हाय वोदका, हाय री वाइन, रम-रम, रम-रम राम किया.....
चलो "मोदगिल" किस्सा छोडो अंतर जी भी मान गए,
ग़ज़ल भी होली, पोस्ट भी होली, सारा काम तमाम किया......
--योगेन्द्र मौदगिल
17 comments:
mazedar.....
चलो "मोदगिल" किस्सा छोडो अंतर जी भी मान गए,
ग़ज़ल भी होली, पोस्ट भी होली, सारा काम तमाम किया
बहुत अच्छी ग़जल हो गयी मक्ते को सलाम
वाह सर, क्या खूब कही, क्या खूब रही...
पूरा ही काम तमाम किया।
मधुशाला की मधुबाला की मस्ती में जब यार रमे,
हाय वोदका,हाय री वाइन, रम-रम,रम-रम राम किया
गजब की गजल और भावों का सुदर और अर्थपूर्ण सम्प्रेषण
बेचारा अंतर सोहिल ...
शरीफ बच्चा और संगति कविवर योगेन्द्र मौदगिल की ...इन्हें तो ताऊ ही झेल पाए शायद !
आगे से सावधान अमित :-)
भाई योगेन्द्र मौदगिल, आपने सारा राज उगल कर अंतर सोहिल जी के साथ बहुत बुरा किया.. लेकिन जब वे मान ही गए तो हमें क्या आपत्ति है..हम भी कहेंगे कि ग़ज़ल भी होली, पोस्ट भी होली, सारा काम तमाम किया...... :)
वाह..बहुत खूब ...
पडोसी बतायें या ना बतायें लेकिन आप पर्चे बंटवा कर ही मानोगे :)
जीईईईईईईस्स्साआग्या
आभार इस गजल के लिए
प्रणाम स्वीकार करें
भैंस की पूंछ पकड परनाम किया
कम पिया करो, वरना किसे दिन बाल्टी लेकै बीवी कै धोरै बैठे पाओगे। :)
प्रणाम
अन्तर सोहिल अमर रहे। ओह सॉरी, जिन्दाबाद।
वाह भई वाह।
@ पूँछ पकड़ परनाम किया....
वाह, टुन्नात्मकता जो न कराये कम है।
पंडिज्जी, सूधे से बालक पे सारी बात गेरके आप सही लिकड़ गये:))
वाह, क्या बात है।
............
ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
लिंग से पत्थर उठाने का हठयोग।
वाह वाह मोदगिल साहब ।
बहुत लाजवाब किया जी।
रामराम
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