भाई समीर लाल जी
ताऊ मिल गया और असली का मिला.
ताई भी मिली
और आपके आदेशानुसार आपकी दोनों पुस्तकें भी...
आज या कल
"मिलन-पोस्ट"
पोस्ट करूंगा.
एक स्थानीय कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण
एक दिन उदारतापूर्वक मुझे दें.
फिलहाल उत्सुकता बनाए रखे
और
एक नितांत ताज़ा छंद पढ़ें.
मन को मरोड़ दिया, तन को झिंझोड़ दिया,
बज़ट ने कर डाला कैसा बंटाधार जी.
महँगी रसोई हुई, महँगा इलाज हुआ,
सस्ते मोबाइल, टीवी, साबुन और कार जी.
टूक-टूक ताक रहे, चशमें से झाँक रहे,
भूखे पेट हांफते मिडल परिवार जी.
प्रणव जी बांच रहे, जनता को जांच रहे,
झूम रही सोनिया हैं मस्त सरदार जी.
--योगेन्द्र मौदगिल
16 comments:
बहुत सुन्दर।
ताजा आकलन
यथार्थ
मिलन चर्चा का इंतजार रहेगा।
प्रणव जी बांच रहे, जनता को जांच रहे,
झूम रही सोनिया हैं मस्त सरदार जी.
वाह, लाजवाब.
रामराम.
मस्त मस्त जी
राम राम
शुभकामनायें अच्छी सोंच के लिए !
मन को मरोड़ दिया, तन को झिंझोड़ दिया,
बज़ट ने कर डाला कैसा बंटाधार जी.
महँगी रसोई हुई, महँगा इलाज हुआ,
सस्ते मोबाइल, टीवी, साबुन और कार जी.
शुभकामनायें...
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
बहुत ही कातिलान वयंग्य.......
मार ही डाला गुरु जी..
कुंवर जी,
28 फरवरी का कुछ नी हो सक्ता....
वाह्! वाह्! वाह्!
badhiya anubhav raha hoga ..badhaai !
जोरदार है..
लाजवाब.
बहुत सुंदर कविता, धन्यवाद
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
मन को मरोड़ दिया, तन को झिंझोड़ दिया,
बज़ट ने कर डाला कैसा बंटाधार जी.
सटीक .... शिवरात्रि की मंगलकामनाएं
टूक-टूक ताक रहे, चशमें से झाँक रहे,
भूखे पेट हांफते मिडल परिवार जी.
प्रणव जी बांच रहे, जनता को जांच रहे,
झूम रही सोनिया हैं मस्त सरदार जी.
पोस्ट पढ कर हम भी मस्त हुये जी। धन्यवाद।
महँगी रसोई हुई, महँगा इलाज हुआ,
सस्ते मोबाइल, टीवी, साबुन और कार जी.
टूक-टूक ताक रहे, चशमें से झाँक रहे,
भूखे पेट हांफते मिडल परिवार जी.
सही सही बयान ।
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