पानीपत सांस्कृतिक मंच का पांचवा कवि सम्मेलन

पानीपत सांस्कृतिक मंच का पांचवा कवि सम्मेलन

                                                                          

सादर आमंत्रण 

अभी इस कविसम्मेलन की तैयारियों में व्यस्त हूँ. 
फुर्सत होते ही आप सब की टिप्पणियों का उत्तर भी दूंगा. 
शेष कुशल......
फिलहाल सिर्फ इतना ही कि


तुम मुझसे कह लेना हम तुमसे कह लेंगे.
अवसाद हमारे हैं मिल कर के सह लेंगे.
यह दुनिया का दरिया बिन बाँध का दरिया है,
हाथों में हाथ ले कर धारा में बह लेंगे..
--योगेन्द्र मौदगिल

13 comments:

Majaal said...

आज तो दर्शन ;)
जारी रहिये; सम्मलेन के लिए शुभकामनाएँ ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण पंक्तियाँ

कडुवासच said...

... atisundar bhaav !!!

नीरज गोस्वामी said...

कार्यक्रम की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं...

नीरज

केवल राम said...

हास्य कवि सम्मलेन की हार्दिक बधाई ..पंक्तियाँ काफी भावपूर्ण हैं ...शुक्रिया

kunwarji's said...

sammelan ke liye shubhkaamnaaye...

kunwar ji,

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर प्रयास।

राज भाटिय़ा said...

योगेंदर जी राम राम कहने आया हुं, काफ़ी दिनो बाद आ पाया, आप का धन्यवाद भी कहना शेष हे जी

डॉ. मोनिका शर्मा said...

आयोजन की सफलता की शुभकामनायें....

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर ……………शुभकामनायें॥

Smart Indian said...

शुभकामनायें! क्या आप अपने और डॉ विश्वास के ऑटोग्राफ रख लेंगे हमारे लिये?

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

हार्दिक शुभकामनाऍं।

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त्रिया चरित्र : मीनू खरे
संगीत ने तोड़ दी भाषा की ज़ंजीरें।

Sunil Kumar said...

आयोजन की सफलता की शुभकामनायें