लोकतंत्र हो गया है.....

एक छंद और

लोकतंत्र हो गया है अब तो मारपीट तंत्र,
देश को घिनौने इस रूप से बचाओ रे.

आज़ादी की छाहँ में ये देश खेलता ही रहे,
इसे मल्टीनेशनल धूप से बचाओ रे.

वर्ना ये गुलामी हमें फिर से जकड लेगी,
आँख वालों हमें अंधकूप से बचाओ रे.

रात-दिन लूटने का व्रत रखने लगे हैं,
लालच के ऐसे हीन रूप से बचाओ रे..
--योगेन्द्र मौदगिल

27 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

कौन बचायेगा साहब...

Dr. Kumarendra Singh Sengar said...

लोकतंत्र का लोप हो गया,
लोकतंत्र बना लूटतंत्र,
लूटने में लगे हैं नेता,
लोकतंत्र का हो कोई अंत
---------------------
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

Dr. Kumarendra Singh Sengar said...

लोकतंत्र का लोप हो गया,
लोकतंत्र बना लूटतंत्र,
लूटने में लगे हैं नेता,
लोकतंत्र का हो कोई अंत
---------------------
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बेहद प्रभावी .... बड़ी सटीक पंक्तियाँ रची हैं आपने

कडुवासच said...

... bahut badhiyaa .... shaandaar !!!

केवल राम said...

एक दम सटीक अभिव्यक्ति ..ऐसी दशा है आज देश की क्या कहें ....शुक्रिया

Manish aka Manu Majaal said...

बचाने वाला भी तो कमीशन लिए बिना कहाँ तैयार होता है साहब ;)
लिखते रहिये ...

Shah Nawaz said...

गंभीर चिंतन लिए हुए लिखा आपने योगेन्द्र जी... बेहतरीन!!!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत ही सुन्दर ... मज़ा आ गया पढकर ... सुडौल सुन्दर रचना !
पर बचाने वाला कोई नहीं है साहब ...

प्रवीण पाण्डेय said...

अब तो इतनी जगहों पर लुट रहा है कि बचाओ रे की गुहार लगाने से कुछ न कुछ तो बच ही जायेगा।

अन्तर सोहिल said...

इस पोस्ट पर टिप्पणी नहीं कर रहा,
बस आपसे अमूल्य भेंट पाकर गदगद हूँ।

प्रणाम

Tausif Hindustani said...

लोकतंत्र अब भोगतंत्र हो गया है
जिसको मौका मिलता है भोगने लगता है
dabirnews.blogspot.com

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत सुन्दर !
नोट: यह टिपण्णी बदले में टिपण्णी पाने की गरज / उम्मीद से नहीं की गई है

दीपक बाबा said...

कौन बचायेगा....... ऐसे हालातों से.....?

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सटीक और लाजवाब. प्रणाम.

रामराम.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

chhandbaddh vyang..
waah kya kahna !

Sunil Kumar said...

कौन बचायेगा ? बहुत सटीक और लाजवाब

रंजना said...

सटीक !!!!

श्रद्धा जैन said...

Har sher chetna laata hua.. aaj ke samay ko dikhata hua

Rashmi Swaroop said...

:(

hai to sateek..

but very unfiortunate na ?

hum hi bachayenge ji... desh humara hi hai!

:)

Rashmi Swaroop said...

typing mistake.. *unfortunate*

निर्मला कपिला said...

अपकी फरियाद मैडम जी को भेज दी है वो एक संसदिय कमेटी का गठन करेंगी और वो कमेटी आपको चुप कराने के लिये कुछ मामला तय कर के लौट जायेगी-- सब सही है -कह कर और हम मुफ्त मे कमेन्ट मारते रहेंगे। हा हा हा ।

Aruna Kapoor said...

bachaaneka kaam kaun karega?..billi ke gale mein ghanti kaun bandhega?...badhhiya rachana!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सौ बातों की एक ही बात...
ढंग के लोगों को चुन के लाओ रे.

Urmi said...

बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने ! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब लगा! उम्दा प्रस्तुती!

Dr (Miss) Sharad Singh said...

कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।

Sourav Roy said...

जान कर सच में ख़ुशी हुई कि आप हिंदी भाषा के उद्धार के लिए तत्पर हैं | आप को मेरी ढेरों शुभकामनाएं | मैं ख़ुद भी थोड़ी बहुत कविताएँ लिख लेता हूँ | हाल ही में अपनी किताब भी प्रकाशित की | आप मेरी कविताएँ यहाँ पर पढ़ सकते हैं- http://souravroy.com/poems/