अभी भी थोड़ी दिक्कत है
काबू नहीं आ रहा
हिंदी टंकण के टूल्स नहीं मिल रहे
यह टाइपिंग याने पहले रोमन में लिख स्पेस दबा कर काम चला रहा हूँ
फिलहाल एक दोहा और देखें कि
संबंधों की व्याकरण, निजता के अनुबंध.
जीवन भर सहते रहे, केवल काम-प्रबंध..
--योगेन्द्र मौदगिल
9 comments:
अजी आप Baraha Direct 7.0 डऊन लोड कर के इंस्टाल कर ले फ़िर बताये केसे नही चलता हिन्दी फ़टा फ़ट लिखेगे, ओन लईन ओर फ़ोन लाईन
दोहा बहुत सटीक है ...
ताऊ जी...ये एक दोहा भी पूरे पोस्ट से कम नही..गागर में सागर वाली बात है...धन्यवाद
hmm.. :)
धन्य है कवि राज आप...
नीरज
कविवर... ये सेकण्ड इनिंग तो ग़ज़ब दोहायमान कर रही है आपकी पोस्ट को... बेहतर!!
जीमेल के कम्पोज पेज पर ही क्यों नहीं टाईप कर लेते आप ???? अलग से हिंदी टाइपिंग टूल की इतनी भी बाध्यता नहीं...
बाकी आपकी रचनाएं....सिद्धहस्त हैं आप...कलम जब भी चलेगी, लाजवाब ही रचेगी....
बहुत खूब, जीवन का सारा यथार्थ एक ही दोहे में व्यक्त कर डाला आपने !
बहुत सुंदर.
रामराम
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