छत्तीसगढ़ यात्रा : भाग १


इस बार की होली मजेदार रही . दरअसल हुआ यों कि भिलाई स्टील प्लांट भिलाई के वार्षिक कविसम्मेलन का निमंत्रण था . प्लांट अधिकारी श्री  दीपक खरे जी के बुलावे पर श्री प्रदीप चौबे (ग्वालियर), श्री सांड नर्सिंघपुरी (नरसिंह पुर) श्री शशि कान्त यादव (विदिशा) श्री चका चौंध ज्ञानपुरी (वाराणसी) श्री रामेश्वर वैष्णव (रायपुर) और पानीपत से मैं याने योगेन्द्र मौदगिल सेक्टर १० के ओपन एयर थियेटर में कविता पाठ हेतु उपस्थित थे . कार्यक्रम बढ़िया जमा .

तभी मुझे याद आया कि छत्तीसगढ़ तो ब्लोगरगढ़ भी है . बस मैंने तुरंत ललित शर्मा जी को फोन लगाया . संयोग कि बात कि ललित जी सहित अनेक ब्लोगर मित्र भिलाई में ही होली मनाने जुटे हुए थे .

घंटे भर में ललित जी, बी.एस.पाबला जी, संजीव तिवारी , जी के अवधिया जी, शरद कोकास जी, राजकुमार सोनी जी सहित उपस्थित थे. बस फिर क्या था सभी से गरमागरम मुलाक़ात हुई. गले मिल कर थोडा थोडा रंग लगाया गया. और फिर हंसी मज़ाक का दौर शुरू हो गया. रात के ११ बज गए थे. मैं होटल भिलाई निवास में रुका था लेकिन ललित जी ने अपने साथ अपने घर अभनपुर चलने का आग्रह किया तो मैंने सहर्ष मान लिया. हम सभी होटल पहुंचे. मैंने अपना सामान उठाया और बैठ लिया भाई लोगों के साथ. तिवारी जी और शरद जी से अनमनी विदा ली क्योंकि अभी अलग होने का मन नहीं था बहुत सारी बातें करनी थी लेकिन मजबूरी. मैं , सोनी जी , अवधिया जी और ललित जी गाड़ी में बैठ चल पड़े. पाबला जी अपनी गाड़ी में आगे कि तरफ थे. पाबला जी का घर रस्ते में होने का भरी फायदा हुआ क्योंकि हमारे पास व्हिस्की तो थी पर गिलास नहीं. उनसे गिलास लेकर विदा ली और और चल पड़े अभनपुर कि तरफ.......              (क्रमश:).

19 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

हा हा हा योगेंद्र जी खाली गिलास पै ही कहानी को ब्रेक दे दिया--आगे के स्मरण का इंतजार है,
आपने 36गढ का नामकरण ब्लागरगढ कर दिया।
बधाई हो

संगीता पुरी said...

पढकर अच्‍छा लगा .. अगली कडी का इंतजार है !!

Khushdeep Sehgal said...

ये वजह थी योगेंद्र भाई की इतने दिनों ब्लॉग से दूर रहने की...
पता होता तो चियर्स हमारे नाम का भी कर लेते...

जय हिंद...

Arvind Mishra said...

ब्लागरगढ़ की खबर आ गयी ,ब्लागरौ सुनी ल कान लगाय
अगली कड़ी में खूब मचेगी इन ब्लागारण की धमाल
आगे उत्सुक हूँ !

Arvind Mishra said...

ब्लागरगढ़ की खबर आ गयी ,ब्लागरौ सुनी ल कान लगाय
अगली कड़ी में खूब मचेगी इन ब्लागारण की धमाल
आगे उत्सुक हूँ !

राजीव तनेजा said...

गिलास नहीं थे तो क्या हुआ?...देसी जुगाड याने के बुक्क से चरणामृत समझ कर ही पी लेनी थी ...शराब ही तो थी..कोई ज़हर थोड़े ही था?...

मुलाकत बढ़िया रही...अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा

पवन चंदन said...

ये किस्‍सा पानीपत से शुरू होना था पर हुआ नहीं वरना पानी पत का पानी तो होता गिलास में। सुनाइये आगे सुनाइये ......

Arvind Mishra said...
This comment has been removed by the author.
ताऊ रामपुरिया said...

ओ भाई तू परगट तो हुया...और खुशी की बात की ब्लोगरगढ मे परगट हुया..इब मत गायब हुईये. आगे की रामकहानी जारी राखिये. होली की घणी रामराम.

रामराम.

Unknown said...

हमारी तो आपसे पहली मुलाकात थी योगेन्द्र जी, और पहली ही मुलाकात में आपने हमारा दिल जीत लिया!

डॉ टी एस दराल said...

चलिए , होली के बहाने न सही , कवि सम्मलेन के बहाने आ गए ।
और यारों से मुलाकात भी हो गई। खूब ज़मी होगी महफ़िल भी ।
आगे का हाल सुनने के लिए बेकरार हैं ।

Anonymous said...

ब्लॉगरगढ़ !!

खूब नाम दिया आपने

छोटी सी मुलाकात थी आपसे।
अब की बार ललित शर्मा ले उड़े आपको, अगली बार ...

बी एस पाबला

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

मदिरा सेवन स्वास्थय के लिए अति हानिकारक है :-)
परहेज रखें !

डॉ. मनोज मिश्र said...

बढ़िया है,जारी रहें..

नीरज गोस्वामी said...

दिलचस्प वर्णन...काश हम भी आपके साथ होते...पर चलो हकीकत में नहीं तो आभासी सफ़र सही...मज़ा आ रहा है...
नीरज

Dr. kavita 'kiran' (poetess) said...

YOGENDRAJI AAP BHILAI MEIN HOLI MANA RAHE THE AUR HAMNE MUZAFFARPUR AUR BHUVNESHVER KE SHROTAON KO HANSANE KI KOSHISH KI.HANSI BANT TE CHALO........

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत अच्छे, सर जी.

श्रद्धा जैन said...

Holi ka maza doston ke sang
sahi hai ...........:)

aage bhi bataye kya hua kaisa raha aage ka safar
gilaas to ab mil gaye hain

Sanjeet Tripathi said...

nice, badhiya naam diya aapne hamare chhattisgarh ko, afsos ki aapse mulaakat nahi ho saki