कैद बख्शी है हमें यों ज़िन्दगी के नाम पर
ज्यों अंधेरे का कत़ल हो रौशनी के नाम पर
और क्या करते भला हम आदमी के नाम पर
छल-कपट करते रहे हैं बन्दगी के नाम पर
भूख की सौगात बच्चों को मिलेगी भेंट में
युद्धरत संसार से नूतन सदी के नाम पर
बुतपरस्ती का जुनूं बढ़ता रहा तो एक दिन
घर जलेंगें मुफलिसों के आरती के नाम पर
स्पर्श कुण्ठित भावना गूंगी बधिर संवेदना
नीर नयनों में नहीं निश्छल हंसी के नाम पर
इन्द्र की आदत तपस्या भंग करने की रही
मेनका रंभा शची या उर्वशी के नाम पर
- योगेन्द्र मौदगिल
29 comments:
क़ैद बख्शी है हमें यों जिंदगी के नाम पर..
वाह बिस्मिल्लाह से ही शुरू किया है.
बहुत सुंदर.
भूख की सौगात मिलेगी बच्चो को नयी सदी के इनाम के रूप में ...
वर्तमान हालात पर आपकी सोच और तकलीफ को बयान कर रही है यह कविता ....!!
संवेदनशील काव्य रचना ...आभार ...!!
घर जलेंगे मुफलिसों के आरती के नाम पर - वाह वाह योगेन्द्र भाई। एक से बढ़कर एक शेर। बस लीजिए पेश है मेरी ओर से भी आपके ही तर्ज पर-
गूढ़ बातें सहज ढ़ंग से कह गए हैं मौदगिल
क्यों न मर जाए सुमन इस सादगी के नाम पर
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman. blogspot. com
हमने सीखा अंधेरों में जीना,
आप घबरा गए रौशनी से,
क्या मिलेगा किसी को किसी से...
जय हिंद...
ईंद्र की आदत तपस्या भंग करने की ही रही
मेनका रंभा शची या उर्वशी के नाम पर,
गहरी साजिश,बड़ा षड़यंत्र, ऊंची बाजी
तभी चहुँ ओर एयारों की महफ़िल साजी
राम-राम
गज़ब भाई..बहुत उम्दा!!
रचना अच्छी लगी।
"स्पर्श कुण्ठित भावना गूंगी बधिर संवेदना
नीर नयनों में नहीं निश्छल हंसी के नाम पर।"
मैं क्या कहूँ । यह सजल, सहज प्रभाव दुर्लभ है ।
बेहतरीन गज़ल । आभार ।
kafi acha laga..
संवेदनशील काव्य रचना..........बहुत सुंदर......
मानवीय सरोकारों के शेर है
बहुत पसंद आये और आपकी सब पोस्ट पहली नज़र में मौका पते ही पढ़ लिया करता हूँ.
hamesha ki tarah ........behatareen...............
सहज और सुन्दर अभिव्यक्ति.
लाजवाब ग़ज़ल गुरुवर...
"घर जलेंगे मुफ़लिसों के आरती के नाम पर" कमाल का मिस्रा बुना है, सर।
पूरी ग़ज़ल का तेवर और तमाम अशआरों के अंदाज...आह!!!
एक एक शेर में सच्चाई ।
बहुत सुन्दर रचना।
Apanatv par naye atithi ka swagat !
Accha raha aapake blog pka bhee pata chala .
aabhar!
क्या कहूँ? बस एक शब्द लाजवाब । बधाई
सुंदर.
Bhookh ki Saugaaat............
BAHUT KHUB KAHA HAI
बहुत बढ़िया रचना है।बधाई।
वाकई भौत गजब की चेपी भाई. जीवंता रह.
रामराम.
बहुत सुंदर लिखा आप ने ओर आज हो भी तो यह सब रहा है.
धन्यवाद
गुरु देव ....... आपकी कलाम का जादू छा रहा है सर्वत्र ......... मज़ा आ गया
Saty...bilkul saty....
sadaiv ki bhanti lajawaab rachna...
qaid bakhshi hai.............roshni ke naam par
bahut hi khoobsoorat...........gazab ke bhav..........gazab ki abhivyakti.
"घर जलेंगे मुफ़लिसों के आरती के नाम पर"
भाई जी आपके इस मिसरे ने जान लेली...अब कमेन्ट कैसे करूँ? ग़ज़ब कर दिया दीना नाथ...
नीरज
aaj ke halato ka bkhubi chitran karti sashkt rachna .
abhar
Aakhri teen Sher ... lajawaab.
"Butparasti ..." yah she'r sabse badhiya laga!
God bless
RC
bahut hi badhiya gazal moydgil sahab!kya khoob sher kahe hain. wah!
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