अमेरिकन शनि की मंदी चाल......

इधर क्या अखबार, क्या टीवी सारे के सारे दुनियाभर में अमेरिकन कृपा को आर्थिक मंदी कह-कह कर हाय-तौबा मचा रहे हैं. उधर अपने नेता घोटराम घोसी घरवाली को कह कर घर से निकले कि दो-चार एस्कोडा या स्कारपियो ही खरीद लाऊं. ऐसा मंदी का दौर फिर कहां मिलेगा..

सोने पर छूट, हीरों पर छूट, कारों पर छूट, टीवी पर छूट, कम्प्यूटर पर छूट, सीडीप्लेयर पर छूट ससुरा ऐसा छूट का सीजन आया कि बारबालाऒं ने भी देश में छायी आर्थिक मंदी से प्रभावित होकर छूट का कर दिया ऐलान..... तो बहुत सारे शिखंडी किस्म के पहलवान बोले कमाल है यार... हमें क्या पता था कि सेन्सेक्स का मार्केट डाउन हो तो सेक्स का मार्केट भी.....

खैर इधर घरवाली की हालत यह है कि मुझे अखबार पढ़ते देख ले तो घबरा जाती है. पिछली बार रिलायंस के आइपीऒ का बीपी उतर गया था और मेरा चढ़ गया था..

आजकल अखबारों के संवाददाता मूली, प्याज, बैंगन के भाव भी छापते रहते हैं. इससे खतरा बना रहता है.

इधर कल्लू पनवाड़ी, बिल्लू मोची, नंदी किरयानी, संजू ढाबेवाला और क्या गिरधारी, क्या बनवारी, सारे के सारे सेंसेक्स के खोमचे गिनते फिर रहे हैं,,,, और दलाल... दलाल चाहे प्रापर्टी के हों चाहे शेयरों के, दोनों मौसेरे भाई.... लगवा दिया सबका पैसा शेयरों में.. टीवी के एक ऐलान ने सारे के सारे सूली पर लटका दिये... मेरी समझ में नहीं आता कि ये समझदार जिन्हें स्टेट लेवल का धंदा नहीं आता ये दलाल के झांसे में इंटरनेशनल क्यों हो जाते हैं.....

समझदार लोग आजकल अखबारों का नाश्ता कर के दिन का मैन्यू सैट करते हैं. अपने मोहल्ले के शर्मा जी अखबार के चस्की..... मजे ले ले कर अखबार चाटा और सीधे पहुंचे बल्ली पकौड़े वाले के पास और पकौड़ों का भाव पूछा बल्ली बोला जी, नब्बे रूपये किलो तो शर्मा जी ने चीख मारी, अबे बल्ली, शरम नहीं आती इतने महंगे पकौड़े बेच रहा ...है अबे देश दुनिया की कोई खबर है के नहीं.... शेयर औंधे गिर गये.. क्रूड आयल तीस डालर गिर गया.. और तूने तीस पैसे भी कम नहीं किये.... बल्ली मूह बा कर बोला मेरे पकोड़ों का तो रेट तब गिरेगा जब लाला घी-बेसन के दाम कम करेगा..... अब भला क्या मनमोहन सिंह समझाएंगें इन शर्मा जी को कि भैय्या अब क्रूड आयल की जात-बिरादरी का भी नहीं पता तो क्यों बहसते घूम रहे हो....

अब इधर अपने एक मंत्री जी के सुपुत्र ने मंदी के दोर में जरमनी से आई एक पर्यटक सुकन्या से बलात्कार कर दिया. अब पुलिस पीछे-पीछे और वो फरार.. उधर मंत्री जी पीए से झगड़ रिये अबे पुलिस को समझाऒ कि इस मंदी के दोर में अपनी अक्ल का त्वरित प्रयोग कर रहा था और सेंसेक्स में से सें हटा कर शेष को उठाने का पुनीत कार्य कर रहा था..

दुनिया भर में आर्थिक मंदी का इतना शोर-शराबा... हाय राम.... मेरी तो समझ में कुछ नहीं आता बाज़ारों में डबल भीड़... बढ़ते शोरूम्स... खुलते माल्स... रातों-रात दसियों गुणा बढ़ती सेल.... पित्ज़ा-बर्गर, कार, कारपेट, कपड़े, रेडिमेड, फैशन, बुटीक, श्रंगार, सौंदर्य, प्रसाधन, काम, सेक्स, टाइल, मारबल, फर्नीचर की कहीं भी किसी भी दुकान शॅरूम पर चले जाऒ वहा भी बातें मंदी की मगर बड़-बड़े गांधीनोटों से लदे पर्स अठखेलियां करते हैं.....

मंदी की मार झेल रहा है मजदूर जिसे आटा दोगुने, सब्जी तिगुने और दाल चौगुने दाम पर मिलती है. मध्यम व्यवसाय... जिन्हें माल का अजगर निगल रहा है. हर रोज मरते, पिटते, कटते, खटते, दंडते फिर भी खीसें निपोरता मिडल क्लासी.... या तो भूखा या फिर खाता बासी.... फिर भी गाता भीम पलासी घूम रहा है.
निबटने के दौर में कुढ़ता, खांसता, गिरियाता, गलियाता, राजनीत के कीचड़ में खिसियाता, अखबार और टीवी के न्यूज चैनलों पर तांत्रिकों और बाबाऒं के टिप्स नोट करता, अमेरिकन शनि की मंदी चाल की काट खोज रहा है...
आइये हम भी उसकी सहायता करें.....
आमीन.......
--योगेन्द्र मौदगिल

15 comments:

के सी said...

आज तो कमाल कर दिया है. पढ़ता जाता हूँ और फिर से नाम पता देख कर आश्वस्त भी होता हूँ कि कवि योगेन्द्र भाई जी का ब्लॉग है या किसी चिन्तक का.

निर्मला कपिला said...

वाह क्या बात है । शनिदेव की जय हो । वुअंग क्या जी आपने तो करारी चोट की है शुभकामनायें

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

हा-हा-हा... मंत्री जी के लड़के के लिए तो सेंसेक्स का मतलब इतना ही होता है! पूंजी तो बाप बटोर रहा है और उसे समानी है !

विनोद कुमार पांडेय said...

Ultimate ....Kya rang prstut kiya amerikan mandi ka..thank you..

Mishra Pankaj said...

हा हा हा मस्त है आप तो गजब की कटिंग काटे हो जी

नीरज गोस्वामी said...

भाई जी व्यंग लिखने में अच्छों अच्छों की जान चली जाती है लेकिन आपने ये काम इतनी आसानी से किया है की दांतों तले ऊँगली दबानी पढ़ रही है (और दबाने को बचा भी क्या है...)...करारी पोस्ट है भाई जी...कमाल कर दिया टाईप की..."सेंसेक्स में से सें हटा कर शेष को उठाने का पुनीत कार्य..." जैसा जुमला लिखना आपके बस की ही बात है...वाह...जी वाह...
नीरज

P.N. Subramanian said...

इतने सारे लोगोने तारीफ़ कर ही दी है. अब शब्द बचे ही कहाँ. हमें भी धोका हुआ. सुन्दर व्यंग रहा. आभार.

Khushdeep Sehgal said...

मंत्री जी के लड़के को सेंसेक्स का ना सही, सेक्स का पूरा सेंस है...आगे देश की भली करे राम...

योगेंद्र भाई, एक शिकायत आपसे...आपने राजीव तनेजा भैया को अपना फोटोग्राफ तो छापने को दे दिया...उस पर एक ऑटोग्राफ भी दे देते...हमारे लिए संग्रहणीय हो जाता...

जय हिंद...

ताऊ रामपुरिया said...

आज तो कमाल कर दिया भाई. घणा जोरदार.

रामराम.

ओम आर्य said...

बेहद गहन बात कही है ...........एक सार्थक पोस्ट !ऐसे ही अपने विचारो से हमे उद्वेलित करते रहे ताकी विचार्णिय पक्ष जिन्दा रहे .......

दिगम्बर नासवा said...

aameen ..........
guru dev आप तो chittha लिखने के andaaz में भी chaa गए हैं ......... shani dev का कमाल तो बहुत ही कमाल लिखा है ........ karaara vyang maara है ............ बहुत majedaar ...........

राज भाटिय़ा said...

अरे वाह लेख भी कविताओ की तरह से लाजवाव बहुत सुंदर लिखा बस एक सांस मै ही सारा पढ गया, राम राम जी की

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

पहले तो हमें लगा कि भाई मौदगिल जी का ब्लाग जरूर किसी ने हाईजैक कर लिया है :)
लेकिन जब लेख पढा तो पाया कि तेवर तो वही हैं,फिर जाकर विश्वास हुआ ।
लाजवाब लिखा है जी!!

Dr. Amar Jyoti said...

कठोर व्यंग। आपकी प्रतिभा के इस पहलू से अपरिचित था अभी तक्। बधाई।

राजीव तनेजा said...

अरे वाह!...मज़ा आ गया जी फुल्ल बटा फुल्ल...

पहली बार आपका व्यंग्य पढने का मौका मिला और पहली बॉल में ही अपुन क्लीन बोल्ड...याने के चारों खाने चित्त