कुछ क्षणिकाएं....


मां बेटी को
आधुनिकता
इतनी रास आई
कि गज़ब हो गया
बेटी ने प्यार किया
और ब्याह मां का हो गया


मलेरिया उन्मूलन विभाग के कर्मचारी
सुदूर देहात में आए
मलेरिया की दवा मुफ्त में दे गये
और एड्स मुफ्त में ले गये


पढ़ते ही बलात्कार का समाचार
उनके चेहरे पर आ गयी बहार
मस्ती से गर्दन हिलाने लगे
हौले हौले गुनगुनाने लगे
--ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना
इस देश का यारों क्या कहना------


योजना विभाग
की योजना है कि
कोई ऐसी योजना बनाई जाए
कि मलाई के साथ साथ
कटोरी भी खाई जाए
--योगेन्द्र मौदगिल

21 comments:

Yogesh Verma Swapn said...

wah maudgil ji naya andaaz lekin khoobsurat, umda.

PN Subramanian said...

क्षणिकाएं मजेदार रहीं. चौथे के लिए तो इंतजाम हो सकता है. कोन आइसक्रीम जैसा. आभार.

Arvind Mishra said...

आप भी खूब हैं -मलाई के साथ कटोरी (चांदी की ) और मलेरिया की जगह ऐड्स मुफ्त बाँट रहे हैं -भगवान् आपकी खैरियत रखे !

इरशाद अली said...

अच्छी जानकारी, इतने सुन्दर और सटीक लेखन के लिये। बहुत-बहुत बधाई

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

कटोरी की तो खैर है....शुक्र है कि इनकी निगाह पतीले पर नहीं पडी.

"अर्श" said...

हा हा हा .. वाह मौदगिल जी वाह क्या क्षणिकाएं है चारो के छारो बेमिशाल पहला पढ़ के तो मैं स्तब्ध रह गया ... सच कहे तो डर ही गया .. ढेरो बधाई...


अर्श

डॉ .अनुराग said...

afsos ki manushya vakai aisa ho gaya hai....aapne jo aaina dikhaya hai us par hans bhi nahi sakta.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

इतना तीखा व्यंग्य!शानदार ढंग से निशाना साधा है.

डॉ. मनोज मिश्र said...

मलाई के साथ कटोरी............योजना विभाग की प्लानिंग को अच्छा किया आपने बता दिया .

Ashok Pandey said...

हा हा हा...मजा आ गया, आज की कविताओं का हास्‍य रस ज्‍यादा ही जायकेदार रहा :)

Harshvardhan said...

behad khoob... gagar me sagar hai aapki yah chanikayein.....

दिगम्बर नासवा said...

गुरुदेव
आपका अंदाज़ खूब भाया
आप हर कला के माहिर हैं.......ये क्षणिकाएं तेज़ तर्रार, व्यंग की चासनी में भरी हैं

राज भाटिय़ा said...

योगेंद्र जी अब किस किस क्षणिका का तारीफ़ करूं, सभी एक से बढ कर एक... आधुनिकता वाली भी सही लगी, मलेरिया वालो ने भी अदला बदली खुब की,ओर इस देश का यारो.... बल्ले बल्ले....
ओर यह योजना विभाग... अरे आप कटोरी की बात करते है यह तो चारा भी, गाय भी.... मलाई तो घर जा कर..
बहुत ही सुंदर लगी .
धन्यवाद

ताऊ रामपुरिया said...

वाह भाई आज तो तन्नै चाल्हे ही काट दिये.

रामराम.

मोहन वशिष्‍ठ said...

वाह जी वाह सबकी खूब खिंचाई कर रख दी आपने आज के हालातों को हुबहू बखुबी बयां किया है आपने आपकी ही तर्ज में साधुवाद

पी के शर्मा said...

हां हां जो भी कहा आपने
अपने मन को भाए
उनको कटोरी के बदले
कटोरा दिया जाए

हरकीरत ' हीर' said...

वाह जी वाह...!! बहोत सुन्दर ..आजकल तो कुछ ऐसे ही गज़ब देखने सुनने को मिलते हैं ..'बेटी प्यार करे और ब्याह माँ कर जाये '

अरविन्द जी और वत्स जी की बात पर भी गौर कीजियेगा ...!!

Anil Pusadkar said...

सटीक,मज़ा आ गया।

योगेन्द्र मौदगिल said...

A lot of thanx to all of you

vijay kumar sappatti said...

yogendra ji ,

waah saheb waah ,,,,
kya khoob likha hai , maza aa gaya padhkar saheb ..bahut sundar sir ji .. meri badhai sweekar karen ...

vijay

Yogendramani said...

वाह भई वाह
बहुत खूब रही,शुरू से आखिर तक सभी कुछ
मजा आ गया