जी हां ये देखिये
योगेश समदर्शी जी ने साहित्य शिल्पी पर मेरा ये कार्टून बनाया सुनीता जी और राजीव जी भी मेरे साथ
और ये देखिये
ताऊ रामपुरिया ने भी खेत से कव्वे उड़वाये
और ये देखिये
पंकज सुबीर जी ने भांग पीकर खुद भी साड़ी पहनी मुझे भी पहनायी
साहित्य-शिल्पी और ताऊ रामपुरिया और पंकज सुबीर जी को मेरी ऒर से सादर समर्पित & विनय प्रजापति का विशेष आभार इस पोस्ट के प्रकाशन में सहयोग देने के लिये
29 comments:
पंचमी (रविवार) तक लगता है सब मस्ती में ही रहेंगे.
mast, umda, badhiya, bhaang ki tarang me jhoomta lag raha hai ang-ang.
mast, umda, badhiya, bhaang ki tarang me jhoomta lag raha hai ang-ang.
waah waah....
wah ji wah .. mazedaar
हा हा हा हा हा .........हरियाणे की नार...बहन मौदगिल
रूप तेरा चन्दा-सा खिल रिया,
बे ने घढ़ी बैठ के ठाली
कर तावल वार भाजरी,
जिसी दारू माँ आग लाग री
कलियाँदार घाघरी,
पतली कम्मर लचकत चाली ।
हा हा हा हा हा.......
wah ji wah ,mazaa aa gaya ..
dekh kar hi holi ka ranga chad gaya ..
jai ho[li]
घणा जच रया हो भाई जी ..".तेरे हुस्न की के तारीफ करूँ...इब कुछ कहते हुए भी डरपूं हूँ...कहीं भूल से ये न तू कह बैठे की मैं सबसे ज्यादे सुन्दर हूँ...."
नीरज
नीरज जी से सहमत हूँ । होली पर छा गये रंगों की तरह ।
" ha ha ha ha ha ha ha ha ye rup bhi khub bhaya...."
Regards
bahut badhiya :)
bahut khoob
जम के होली मनी है आपकी मौदगिल जी। एक बार दिर शुभकामना स्वीकारें।
सही चमक रहे हो महाराज!!
main to fida ho gaya hun maudgil sahi b ab kya karun main aap hi batawo...
ha ha ha ah ha ha ha
arsh
waah bahut khubsurat toons hai:)khas kar aakhari aaha ha
वाह मजा आ गया। राजीव जी ने अच्छी होली खेली आपके साथ।
बहुरूप पाने के लिए बधाइयाँ!
ajee kittee mehnat kar lee sir aapne lugaayee banne ko , shukra hai ki kisi baba ne ab tak na dekhaa warnaa yadi mohit ho jaate to fir to aapkee khair nahin thee. is roop mein to aap miss india kaahe nahin try kiye sir., holee hai aur lagtaa hai abhee rahegee.
:-)
आपके कारटून तो बड़े मजेदार लगे.
झूमो झूल झुल्लैया जी
होली पे बन गए कृष्ण कन्हैया जी
ओमकारा
जे हो भाई जे हो योगेन्द्र जी होली की हार्दिक बधाई .
Waah ji Waah...aapke to waare nyare hain....???
हर रुप मे आप सुंदर लगे जनाब, इतनी भांग क्यो पी ली आप ने , शायद सोचा होगा भटिया जी के हिस्से की भी चढा लूं.
धन्यवाद
गज़ब!
योगेन्द्र भाई, इन कार्टूनों में तो आपका रूप निखर आया है.
वाह भाई इलेक्ट्रानिक मीडिया ने लोगों को क्या से क्या बना दिया? हा हा!
बुरा न मानो होली है .... अब सबको बडी सुविधा हो गयी है ... आप पकड में आइए या नहीं बुरा हाल बना ही देते हें।
छा गये कविराज, बधाई
रामराम.
jay हो gurudev ............
बहुत saj रहे हो हर libas में
हा हा योगी बड्डे कौन टाइप के दीख पड़ते हैं आप इन कार्टूनों में । एकदम कार्टून नज़र आ रहे हैं। हा हा।
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