नये साल के स्वागत में....

नये साल के स्वागत में बधाई के बावजूद


दूरदर्शिनी स्वप्न-कथाएं, नये साल के स्वागत में.
घर-घर में फैशन चर्चाएं, नये साल के स्वागत में.

इंटरनेट-केबल लगवाएं, नये साल के स्वागत में.
कम्प्यूटर पर इश्क लड़ाएं, नये साल के स्वागत में.

जोगी, साधु, पंडित, मुल्ला, नेता, अभिनेता, वेश्या,
खुल कर खेलें, खुल कर खाएं, नये साल के स्वागत में.

दारू की मस्ती का आलम, देख दंग है दादा जी,
रोज शाम पोते घुड़काएं, नये साल के स्वागत में.

हमें पता है उनकी फितरत, धोखा, तिकड़म, मक्कारी,
दाएं-बाएं, दसों दिसाएं, नये साल के स्वागत में.

महंगाई ने सीना-सीना, छलनी-छलनी कर डाला,
घर-घर में अश्रुगाथाएं, नये साल के स्वागत में.

दया, धर्म, मोह, माया, ममता, गायब हुए ज़माने से,
अंधी पीसे, कुत्ते खाएं, नये साल के स्वागत में.

चोरी, हेराफेरी, दंगा, उत्पीड़न, देह का धंदा,
सीखें और सबको सिखलाएं, नये साल के स्वागत में.

संभव हो तो रखो, बचा कर, थोड़ी शर्म उजाले की,
अंधेरे आकर समझाएं नये साल के स्वागत में.
--योगेन्द्र मौदगिल

33 comments:

"अर्श" said...

मौदगिल साहब बहोत खूब लिखा है आपने ... नव वर्ष की ढेरो शुभकामना के साथ ढेरो बधाई और साधुवाद....


अर्श

श्रद्धा जैन said...

hahaha ji sahi kahe rahe hain
ek sankalap bhi achha nahi kiya hai
ab aap hi soch le ki naya saal kitna achha hoga

khair naye saal ki bhaut badhayi

main apne exam ke chalte kafi din net se gayab rahi aur bhaut kuch achha miss kar diya isliye kal se bus aapki hi blog par baithi shuru se pad rahi hoon aapko

bahut purani post bhi dekhi kal aapki achha lag raha hai aapko padna

aapki kitab main mangana chahti hoon kaise manga sakti hoon batayiyega

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत शानदार जी ! बधाई

रामराम !

Smart Indian said...

बहुत खूब!
दया, धर्म, मोह, माया, ममता, गायब हुए ज़माने से,
अंधी पीसे, कुत्ते खाएं, नये साल के स्वागत में.
अब इस नए ज़माने का नया साल तो ऐसा ही है - छूट और ऑफर की बरसात लेकर!

रविकांत पाण्डेय said...

नये साल की अग्रिम बधाई आपको।
बहुत सही विश्लेषण किया है आपने वर्त्तमान सामाजिक ताने-बाने का। मजा आ गया।

विवेक सिंह said...

आपको आदाब बजाएं . नए साल के स्वागत में !

गौतम राजऋषि said...

ढ़ेरों-ढ़ेर आपको बधाई नये साल के स्वागत में

किताबें मिल गयीं...दो प्रती भेजने का बहुत-बहुत शुक्रिया.एक करीबी मित्र को खुश करने का मौका मिल गया

hem pandey said...

नए साल के सारे हुड़दंगों के बाद :
सम्भव हो,तो रखो बचा कर, थोड़ी शर्म उजाले की
अंधेरे आ कर समझायें नए साल के स्वागत में.

साधुवाद.

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब योगेन्द्र जी
नयी साल की खुशी मैं नया धमाका अच्छा लगा
आप को भी नव वर्ष मंगलमय हो

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर कविता...नववर्ष की बहुत बहुत बधाई आपको ।

Vinay said...

नववर्ष के स्वागत की तैयारी इस कविता के साथ, वाह, नववर्ष की मंगलकामनाएँ!

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर शव्दो से आप ने इस जग को, हम सब को आईना दिखाया, सच मै ऎसा ही तो हो रहा है.बहुत ही खुब सुरत लगी आप की यह कविता
धन्यवाद

अमिताभ मीत said...

भाई अब जो है सो है. आप को नए साल की शुभकामनाएं ....

अनुपम अग्रवाल said...

कैसे बचाऊँ रास्तों में अंधेरों से यूं ,थोड़ी शर्म उजाले की
उजालों को तेरे ब्लॉग पर जाना नए साल के स्वागत में

Unknown said...

bahut sudar kavita........
naw varsh ki dhero shubhkamnaye!
sadhuvad!

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा रच डाला.. बधाई मित्र.

हरकीरत ' हीर' said...

कोशिश करेगें इस बा नव वर्ष ऐसे ही मनायें...!

Alpana Verma said...

नए साल के स्वागत में बहुत अच्छी कविता है .
शुभकामनायें हैं कि नया साल आप के लिए मंगलमय हो और ढेर सारी खुशियाँ लाये.

Vikas Bajpai said...

hello sir wrote a great poem
do visit this link to read a technical funny poem written by me::
http://kitcollegediary.blogspot.com/2008/11/pressure.html

waiting for your comments... :)

makrand said...

संभव हो तो रखो, बचा कर, थोड़ी शर्म उजाले की,
अंधेरे आकर समझाएं नये साल के स्वागत में.

bahut sunder rachana

BrijmohanShrivastava said...

नया साल आपको मंगलमय हो

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

वाह सर जी, क्या खूब लिखा है नये साल के स्वागत में.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

मोदगिल जी,आपने तो पर्दानशीं जमाने को एक झटके मे ही बेपर्दा कर डाला. सर्वप्रथम तो इस धांसू कविता के लिए बधाई स्वीकार करें.
साथ ही आपको एवं समस्त मित्र/अमित्र इत्यादी सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं.
ईश्वर से कामना करता हूं कि सब लोग एक सुदृड राष्ट्र एवं समाज के निर्माण मे अपनी महती भूमिका का भली भांती निर्वहण कर सकें.
जै श्री राम

"अर्श" said...

आपको तथा आपके पुरे परिवार को नव्रर्ष की मंगलकामनाएँ...साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा .....

अर्श

seema gupta said...

"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards

हरकीरत ' हीर' said...

कुछ रहे वही दर्द के काफिले साथ
कुछ रहा आप सब का स्‍नेह भरा साथ
पलकें झपकीं तो देखा...
बिछड़ गया था इक और बरस का साथ...

नव वर्ष की शुभ कामनाएं..

कंचन सिंह चौहान said...

नये वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ

Dr. Nazar Mahmood said...

नववर्ष की हार्दिक ढेरो शुभकामना

रविकांत पाण्डेय said...

आपके एवं आपके प्रियजनों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Aruna Kapoor said...

आपने यथार्थ को सुंदर शब्दों में, कविता के माध्यम से उतारा है; धन्यवाद मौदगिलजी! ....नव वर्ष की ढेरों शुभ कामनाएं!

बवाल said...

बहुत ख़ूब योगी बड्डे. मैं कट पेस्ट नहीं कर रहा, मगर आप छा गए सर. ग़ज़ल तो बहतरीन है ही और मक्ते ने तो दिल लूट लिया यार. मालिक हमारे प्यारे योगी बड्डे को बहुत लम्बी उमर दे.
अंधेरे आकर समझाएं, अहा !

sandhyagupta said...

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!

Anonymous said...

betichod