बेवफ़ा हो जायेगा.....

एक जुम्बिश से ज़रा सी फैसला हो जायेगा.
फैसला होते ही जाने क्या से क्या हो जायेगा.

मेरी चाहत देख कर मुझको सयानों ने कहा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा.

शेर होने का भरम चुप में निहित है दोस्तों,
वो जरा भी हिनहिनाया फिर गधा हो जायेगा.

मैंने उसको बातिलों के देश भेजा था मगर,
मुझको क्या मालूम था वो तोतला हो जायेगा.

टोक सहती ही नहीं हैं आजकल की कोंपलें,
फूल छेड़ोगे तो भंवरा अनमना हो जायेगा.

जख्म का भरना समय के हाथ में ही छोड़ दो,
घाव को जितना टटोलोगे नया हो जायेगा.

उसके बचपन की किताबों में अभी भी फूल हैं,
उसको कांटे मत दिखाऒ हादिसा हो जायेगा.

कोई जादू सा चढ़ा है मेरे सर पे आजकल
मेरे शेरों को पढ़ोगे तो नशा हो जायेगा

आदमी में सिफ़्त सहने की मुकम्मल हो तो फिर,
राह का पत्थर भी यारों देवता हो जायेगा.

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.

शाख से टूटे गुलों का ये था कहना 'मौदगिल',
एक दिन आयेगा सब कुछ ही फ़ना हो जायेगा.
--योगेन्द्र मौदगिल

31 comments:

डॉ .अनुराग said...

एक जुम्बिश से ज़रा सी फैसला हो जायेगा.
फैसला होते ही जाने क्या से क्या हो जायेगा.

बहुत अच्छे

भूतनाथ said...

शाख से टूटे गुलों का ये था कहना 'मौदगिल',
एक दिन आयेगा सब कुछ ही फ़ना हो जायेगा.

क्या बात कही है कवि वर ? बहुत बधाई !

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर ! लाजवाब रचना !

दीपक "तिवारी साहब" said...

मेरी चाहत देख कर मुझको सयानों ने कहा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा.

भाई क्या करे ? यही ग़लती कर बैठे !

पंकज सुबीर said...

मतला बहुत सुन्‍दर निकाला है आपने और मेरी पसंद का शेर अगर पूछें तो
शेर होने का भरम चुप में निहित है दोस्तों,
वो जरा भी हिनहिनाया फिर गधा हो जायेगा
ये है

अमिताभ मीत said...

क्या बात है भाई. बहुत खूब. एक से बढ़ कर एक शेर. वाह !

PREETI BARTHWAL said...

आदमी में सिफ़्त सहने की मुकम्मल हो तो फिर,
राह का पत्थर भी यारों देवता हो जायेगा.

बहुत ही सुन्दर।

योगेन्द्र मौदगिल said...

अनुराग जी, भूतनाथ प्यारे, ताऊ जी, तिवारी साब, मीत जी व प्रीति जी..
आप सब के त्वरित प्रेम से अभिभूत हूं..

सुबीर जी, आप तो प्रेरणारस्रोत हैं मेरे.
शेर क्या..
बस कभी पढ़ा पंचतंत्र याद आ गया था.
मतअला आपको भाया
मुझे खुशी है.
शेष शुभ..

Satish Saxena said...

"उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा."

भाई वाह ! क्या गज़ब लिखा है !

महेंद्र मिश्र.... said...

आदमी में सिफ़्त सहने की मुकम्मल हो तो फिर,
राह का पत्थर भी यारों देवता हो जायेगा.बहुत सुंदर.
बधाई....

Ankit said...

bahut accha likha hai aapne.

जितेन्द़ भगत said...

कि‍तना बढ़ि‍या पि‍रोते हैं आप वि‍चारों को। आज तो बस मजा आ गया, पढ़ते हुए सोचता हूँ एक सबसे बढ़ि‍या शेर कोट करुँगा, पर दो-तीन शेर टक्‍कर के नि‍कल आते हैं-
जख्म का भरना समय के हाथ में ही छोड़ दो,
घाव को जितना टटोलोगे नया हो जायेगा.

मैंने उसको बातिलों के देश भेजा था मगर,
मुझको क्या मालूम था वो तोतला हो जायेगा.

टोक सहती ही नहीं हैं आजकल की कोंपलें,
फूल छेड़ोगे तो भंवरा अनमना हो जायेगा.

Udan Tashtari said...

एक जुम्बिश से ज़रा सी फैसला हो जायेगा.
फैसला होते ही जाने क्या से क्या हो जायेगा.


--बहुत जबरदस्त!! पूरा है यही अपने आप में.

पारुल "पुखराज" said...

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.
wah!! peer auliyon ki baat

Arvind Mishra said...

वैसे तो सभी जोरदार हैं मुझे ये वाली ज्यादा भा गयी है -
जख्म का भरना समय के हाथ में ही छोड़ दो,
घाव को जितना टटोलोगे नया हो जायेगा.

Vinay said...

बहुत ख़ूब माशाल्लाह!

Manish Kumar said...

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.

achchi soch lagi ye..bahut khoob

परमजीत सिहँ बाली said...

bahut badhiyaa!!!

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.

परमजीत सिहँ बाली said...

bahut badhiyaa!!!

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.

गौतम राजऋषि said...

...गिरह वाला सबसे जबरद्स्त लगा मुझे.शायद बशीर बद्र साब भी खुश हो जायें इस गिरह पर.बहुत खुब कविवर

राज भाटिय़ा said...

मेरी चाहत देख कर मुझको सयानों ने कहा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा.
योगेन्द्र जी बहुत खुब एक से बढ कर एक है आप के शेर.
धन्यवाद

Anil Pusadkar said...

वाह-वाह्।

Abhishek Ojha said...

'उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.'
और फिर ये...
'एक जुम्बिश से ज़रा सी फैसला हो जायेगा.
फैसला होते ही जाने क्या से क्या हो जायेगा.'

कमाल है साहब ! आज कई दिनों के अवकाश के बाद लौटा तो मोती बिखरे मिले. बहुत खूब!

योगेन्द्र मौदगिल said...

आप सबका शुक्रिया जो आप आये प्यार से
आपका यह प्यार मेरा होंसला हो जायेगा
--योगेन्द्र मौदगिल

और हां
एक नया शेर और डाला है गज़ल में.
जरूर पढ़ियेगा........

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

उसके हाथों में शिफ़ा है उसके दामन को पकड़,
वो घुमा दे चाक पर तो तू घड़ा हो जायेगा.

yah sher oopar wale aur netaon dono par saman roop se laagoo hota hai, mujhe sabse achcha laga

Anil Pusadkar said...

हर शेर जानदार,शानदार और दमदार.

makrand said...

bahut sunder rachana
regards

Dr. Nazar Mahmood said...

उसके बचपन की किताबों में अभी भी फूल हैं,
उसको कांटे मत दिखाऒ हादिसा हो जायेगा.

its really nice one.
congrats

रंजू भाटिया said...

उसके बचपन की किताबों में अभी भी फूल हैं,
उसको कांटे मत दिखाऒ हादिसा हो जायेगा.

बहुत बढ़िया सच कहा आपने .

L.Goswami said...

मेरी चाहत देख कर मुझको सयानों ने कहा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा.

jaruri to nahi aisa ho.

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

bahut achchi gazal hai.