हे प्रियवर भारतीय नागरिक जी,
तमाम टिप्पणियों के बीच आपके आग्रहानुसार
बरेली यात्रा विवरण प्रस्तुत है. २४ सितम्बर को दिल्ली कनाट-प्लेस में बैंक ऑफ़ बरोदा में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत कवि सम्मेलन था जिसमे कोटा के लक्ष्मी दत्त तरुण, मेरठ से मनोज कुमार मनोज, दिल्ली से अशोक शर्मा और कलाम भारती व पानीपत से मैं उपस्थित रहे. बैंक के हिंदी अधिकारी रोशन लाल जी ने कवि सम्मेलन का सञ्चालन किया. कार्यक्रम ६ से ९ तक तय था. जिसे देखते हुए मैंने बरेली के लिए अपना रिजर्वेशन लखनऊ मेल जो नई दिल्ली से १०.१० पर चलती है करवा लिया था.
पर वही हुआ कि दिल्ली वाला कार्यक्रम शुरू होते ८ बज गए. लेकिन मेरा कार्यक्रम सभी को पता था.
रोशन लाल जी ने पूरा सहयोग किया. मुझे कविता पढवा कर लिफाफा दे कर फारिग कर दिया और एक बढ़िया ऑटो वाले सहायता से मैं नई दिल्ली स्टशन पर पहुँच गया.
गाड़ी थोडा लेट लगी और १०.४० पर छूट ली. मैं अपनी तय बर्थ पर आराम से लेट गया. थका हुआ था लेकिन नीद गायब थी. चिंता इस बात की थी कि रात में बरेली २.३० या ३ बजे पहुंचूंगा. यदि आँख लग गयी और सोया रह गया तो क्या होगा. आँख नहीं लगी.
तडके ३.१० पर मैं बरेली उतरा.
स्थानीय आयोजक और हास्य कवि आनंद गौतम मुझे लेने के लिए वहां उपस्थित थे. बड़े होंसले और गरमजोशी के साथ वे मेरे गले मिले. और मैं आधे घंटे के भीतर आनंद भाई के साथ आई वी आर आई संस्थान के अंतर-राष्ट्रीय गेस्ट हाउस के वातानूकूलित रूम में था. (क्रमश:)
6 comments:
बहुत बहुत धन्यवाद. आपने मेरे शब्दों का मान रखा..
intzar hai aage kya huaa padne ka... kounasee kavita aapne padee vo bhee avashy bataiyega.......
Aabhar
बढ़िया है ऐश कर रहे हो ! सेहत का ख़याल रखना कविवर !
दिल्ली होकर चले गए और बताया भी नहीं । खैर आगे का हाल जानने के लिए इंतजार रहेगा ।
बरेली में सब ठीक है न ? अगली किस्त की प्रतीक्षा रहेगी !
बहुत सुंदर, अभी आप के रोहतक शहर मै भी एक ब्लांगर मिलन होने वाला है
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