एक और संवाद छंद
नेता पत्नी से बोले एक दम्पति-एक
संतान सूत्र जनता को समझाऊंगा
जनता तक सीधे संदेश मेरा पहुंचेगा
पहला बच्चा होते नसबन्दी करवाऊंगा
पत्नी तुनक कै बोली जनता नहीं हूं मैं
जानती हूं तुझे तेरी बात में ना आऊंगी
पहले के बाद तूने करवानी हो कराले
मैं तो पूरे चार पैदा करके कराऊंगी
--योगेन्द्र मौदगिल
15 comments:
बहुत खूब....बढ़िया हास्य रचना..
पहले घी से सब्जी बनती थी
अब सब्जी से घी बनता है (वनस्पति घी)
पहले इस भारत की जनता थी
अब सारा भारत जनता (पैदा करता) है.
वाह वाह वाह जी
बहोत बढिया-
इब तो नेताजी भूल कै भी नसबंदी कोनी करवावैगा
एक्के झटके म्है सुद्धा हो लिया।
राम राम
नेताजी, के बात?
मामला उल्टा पडग्या दिक्खै।
ये ताऊ लोगों का मजाक ऊडाना अच्छी बात नही है ( स्टाईल अटल जी):)
रामराम.
हा हा हा ....बहुत बढ़िया...बेचारे नेता जी
Namaskar Yogendra ji
Aapke blog pe pehli baar aaya aur behad hee achchha lagaa.. aapki rachanaayen aam aadmi kee rachnaayen hain..Ye rachanaayen sirf gudgudaati hee nahee, sochne ko bhee majboor karti hain...bahut khoob..badhaai aur kotishah aabhar !!
हा हा हा…………………बहुत बढिया।
hasti-hasati rachna....
नेता जी अब क्या बोलो के जाओ करबा लो नसबंदी....
बहुत सुंदर योगेंदर जी मजेदार
भाई हँसते हँसते पेट में बल पड़ गए...जोरदार जवाब है पत्नी जी का...वाह...इब के करेगा नेता?
नीरज
पति पत्नी में अच्छा सामंजस्य लगता है। :)
का करवाने के चक्कर में हैं कविवर ?
Kahan khoye hai janaab!
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
Post a Comment