अगर चाहोगे तुम जीना तो मरना सीखना होगा
के मिट्टी के खिलौनों में भी जीवन फूंकना होगा
हरे पेड़ों पे चलती आरियों को रोकलो वरना
नयी नस्लों को खमियाजा़ यक़ीनन भोगना होगा
परिन्दों को मुंडेरों पर जरा तुम चहचहाने दो
स्वयं उड़ जायेंगें जब बिल्लियों से सामना होगा
दुल्हन की लाश देखी तो यही अनुमान था सबका
के जलते वक्त भी हाथों में इस के आईना होगा
तुम्हारी राजशाही से हमारी गोदड़ी अच्छी
फ़कीरों का यह अन्दाज़ तुमको मानना होगा
कहीं मज़हब की मीनारें कहीं नस्लों की दीवारें
के इनसे दूर हट के मौदगिल कुछ सोचना होगा
- योगेन्द्र मौदगिल
20 comments:
sabhi sher lajawaab. badhaai.
ग़ज़ल दिल को छू गई।
बेहद पसंद आई।
बहुत ही अच्छी रचना....मेरी शुभकामनायें...
अच्छे शेर हैं सभी। परिंदों और दुल्हन वाले शेर में सार्थकता नज़र नहीं आई।
वैसे समझने में भी भूल हो सकती है।
न अमीरों से बदलेगा, न वज़ीरों से
ज़माना बदलेगा तो बस हम फ़कीरों से...
जय हिंद...
अगर चाहोगे तुम जीना तो मरना सीखना होगा
बहुत सटीक और सामयिक रचना.
दिल को छू गयी गज़ल दुलहन वाला शेर? हा हा हा लाजवाब धन्यवाद्
Wah sir,
har ser apneaap me adbhut..badhai.
परिंदों को ज़रा मुंडेरों पर चहचहाने दो...
महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति.
बहुत लाजवाब शे' र के साथ सुंदर ग़ज़ल..
मैंने भी एक ग़ज़ल लिखी है पहली बार.... कृपया देख कर बताइयेगा...
सादर
महफूज़..
behad sundar gazal.
बहुत खूब! वाह वाह.
बहुत ही सुंदर गजल कही आप ने. धन्यवाद
भाई जी ये सोचना ही सबसे मुश्किल काम है...घणा जोर आता है सोचने में...हमारे देश में सोचने का काम न करते ज्यादा तर लोग बस कोई एक सोचता है बाकि उसी की सोच पर चलते रहते हैं...अपनी खुद की सोच न रखते लोग...अगर रखने लग जाएँ तो भाई जी देश का नक्शा ही बदल जाये...ग़ज़ब की ग़ज़ल कही है जी आपने...हर शेर में एक सन्देश है...पर कोई उनको पढ़ कर सोचने वाला चाहिए...तब बात बनेगी.
नीरज
बहुत सुन्दर गजल है।बधाई।
बहुत कुछ सोचना होगा, आज यहाँ इंसानों को,
इस तरहतो इंसानों का नाम ही लूट जाएगा,
सुंदर सुंदर बात..दुनिया पर आघात,
ऐसे है हालात की, निकल पड़े जज़्बात,
बहुत बढ़िया लगा आपकी यह प्रस्तुति..बधाई
अच्छी गज़ल, पर जलते वक्त दुल्हन के हाथ में आईना वाली बात कुछ जमी नही । नारी के जले पर नमक वाली बात हो गई ।
हक़ीकत से जुड़े .... भविष्य को चेतावनी देते ....... लाजवाब शेर हैं जी ........
Achchi Ghazal, achche bhaav ..... magar Dr Daral sahab ki tippani copy karna chahoongi
God bless
RC
बहुत लाजवाब शे' र के साथ सुंदर ग़ज़ल..
Post a Comment