आप सब के लिये
जब तलक सिर-फिरा नहीं होता
आजकल फैसला नहीं होता
बात सच्ची बताने को अक्सर
घर में भी होंसला नहीं होता
सपने साकार किस तरह होते
तू अगर सोचता नहीं होता
सच तो सच ही रहेगा ऐ यारों
झूठ में होंसला नहीं होता
लूट लेते हैं अपने-अपनों को
आज दुनिया में क्या नहीं होता
शुद्ध हों मन की भावनाएं अगर
कोई किस्सा बुरा नहीं होता
--योगेन्द्र मौदगिल
24 comments:
शुद्ध हों मन की भावनाएं अगर
कोई किस्सा बुरा नहीं होता
ब्लॉग पर जब लिख रहे हों मौदगिल
कड़वा सच भी कतई बेसुरा नहीं होता ।
बने क्या बात जो मौदगिल के बनाए न बने -खूब !
एक बेहतरीन मतला गुरूदेव!
और फिर "बात सच्ची बताने को अक्सर/घर में भी हौसला नहीं होता" ये हमसब की अपनी बातों को इतनी आसानी से शेर में ढ़ाल देने के आपके हुनर को सलाम!
वाह भाई वाह !! सच्चाई बयां करती यह अमर पंक्तियाँ ........
सही बात जब तक सीर फिरा नहीं होता , कोई फैसला नहीं होता
लाइनों का जवाब नही...
बहुत बढ़िया बात कही गीत बना कर,
आज कल धोखे दिए जाते है मीत बना कर,
सच्ची भावनाएँ तो कम ही दिखाई देती है,
अपने ही तोड़ते है प्रेम की रीत बना कर,
बहुत बेहतरीन बात कही योगी बड्डे। क्या कहना !
बढ़िया. आजकल आपको भी बहुत सोचना पड़ रहा है.!
सच तो सच ही रहेगा ऐ यारों
झूठ में होंसला नहीं होता
लूट लेते हैं अपने-अपनों को
आज दुनिया में क्या नहीं होता
बहुत खुब जनाब,... जबाब नही.
धन्यवाद इस अति सुंदर रचना के लिये
बात सच्ची बताने को अक्सर
घर में भी हौंसला नहीं होता
सत्य वचन प्रभु...
उम्दा रचना पढवाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
क्या मिलिेए ऐसे लोगों से..
जिनकी सूरत छिपी रहे...
नकली चेहरा सामने आए...
असली फितरत छिपी रहे...
जय हिंद...
झूठ में होंसला नहीं होता ........
बहुत दिनों बाद आपके अपने तेवर की ग़ज़ल बढ़ने को मिली है .......... मज़ा आ वगाया गुरुदेव ........ कमाल की ग़ज़ल है ......
योगेन्द्र भाई अपने पास सिवाय आपकी तारीफ़ के कुछ और है ही नही।
बहुत बढ़िया !
शुद्ध हों मन की भावनाएं अगर
कोई किस्सा बुरा नहीं होता
वाह!
उम्दा !
कमाल की ग़ज़ल !
Singamaraja visiting your blog
नमस्कार यौगेन्द्र जी,
एक उम्दा ग़ज़ल और जो शेर मुझे बेहद पसंद आये वो है "लूट लेते हैं अपने......................." और "बात सच्ची........."
...prabhaavshaali abhivyakti !!!
hamesha ki tarah behatareen/lajawaab rachna ki liye badhai.
बहुत सुन्दर --- वाह बहुत खूब
मतले ने जबरदस्त की कान खिचाई की है सब की क्या खूब मतला बना है वेसे बनता भी क्यूँ नहीं आपकी लेखनी से जो निकला है बहुत ही जबरदस्त....
अर्श
सच तो सच ही रहेगा ऐ यारों
झूठ में होंसला नहीं होता
लूट लेते हैं अपने-अपनों को
आज दुनिया में क्या नहीं होता ।।
आज तो बस मुँह से वाह! वाह्! ही निकल रही है....लाजवाब ।
शुद्ध हो मन की भावनाएं अगर कोई किस्सा बुरा नहीं होता ...
साधू ....!!
जब तक सिरफिरा नहीं होता,
आजकल फैसला नहीं होता.
सच्ची बात..............
ब्लॉग पर ज़र्रा नावाज़ी का बहुत बहुत शुक्रिया
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