इस अंतराल की चौथी कविता.........

बस बहुत हो गया मित्रों, इस चौथी कविता के साथ इस राजनैतिक एपिसोड का चौथा कर रहा हूं,,,, मैं जो पेल रहा हूं बस उसे और झेल लीजिये....


चुनावी घोषणाऒं के
बजट ने आज तक कुछ नहीं संवारा
जनता के लिये
बजट के बीच में से ज निकाल कर
बट से मारा
पर यार जनता भी कम नहीं
फट से उठी
चट से हो गयी खड़ी
ऒर नाड़ा कसते-कसते
बजट पर जा पड़ी
फिर तो ढीली हो गयी
वायदों की अंटी
पता नहीं कैसे पूरी होगी
रोज़गार गारंटी
रोज़गार याने काम
क्योंकि काम नहीं तो आराम नहीं
आराम नहीं तो काम नहीं
पर इस सबके बावजूद
कमाल के हैं ये राजनीतिक जोकर
वही पुरानी लोकलुभावन कहानी
फिर दोहरा गये
किसानों बुनकरों
महिलाऒं को उनकी औक़ात बता गये
राशन छोड़ो कम्प्यूटर लाऒ
फीमेल का काम ईमेल से चलाऒ
सस्ती नैनो लेकर चांद पर जाऒ
अपना हाथ जगन्नाथ बनाऒ
जब हो जाऒ जगन्नाथ
तो अपने आप को स्वयं संभालो
दिमागों में भ्रम मत पालो
इन सारी बातों ने देश चूल तक हिला दिया
दिन दहाड़े
खुली आंखो से सपना दिखा दिया
सपना
सुसरा सपना भी
ऐसा सपना
कि राम नाम जपना
पराया माल अपना
इसीलिये प्यारे
हम तो अब ईमान को रखते छत पर टांग
फैशन के इस दौर में गारंटी मत मांग
--योगेन्द्र मौदगिल

24 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

अच्छी जन मन रंजक कविता है।

Ajay Tripathi said...

इस कविता में हास्‍य और रूदन दोनों का अद्भुत समावेश है

दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

मोहन वशिष्‍ठ said...

हां अब तो 22 को रिजल्‍ट आ ही जाएगा

आप सभी को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं मेरे ब्‍लाग पर भी आकर दीवाली की शुभकामनाएं स्‍वीकार करें

P.N. Subramanian said...

वाह कितनी बातें कर दीं. इस झेलने में भी एक आनंद है.आभार.

विनोद कुमार पांडेय said...

चोट पर चोट,
कमाल का एपिसोड,
शायद कुछ सुधार जाएँ,
ये नेता कुछ शरमाएँ,
अगर नही असर होता है,
तो समझेंगे की नेता भी कुत्ते की दूम होता है.

बढ़िया ..बहुत बढ़िया बधाई

विनोद कुमार पांडेय said...

ताऊ जी..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ,
पटाखे जलाएँ और खूब मिठाई,
हो सके तो कुछ मिठाई हमें भी खिलाएँ

दीवाली की ..बधाई ..प्रणाम

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

योगेन्द्र जी,
अच्छा व्यंग्य किया है आपने इस कविता में--तगड़ी चोट है आज की व्यवस्था पर्।
आपको दीपावली की हार्दिक मंगलकामनायें।
हेमन्त कुमार

Udan Tashtari said...

वाह!! बजट का बट..गहरा वार कर गया.

आये और छाये.

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल ’समीर’

Smart Indian said...

"राशन छोडो कम्प्युटर लाओ ..."
ये नेतागण इतनी जल्दी भूल गए चन्द्र बाबू नायडू का हाल? शुभ दीपावली!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

राजनैतिक एपीसोड का चौथा बढ़िया रहा।
इसकी तेहरवीं कब है?

दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!

शेफाली पाण्डे said...

vaah.... kya baat hai.....happy diwali

seema gupta said...

झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
regards

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

ये भी खूब रही!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आपको दीपावली की शुभकामनायें !!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

Alpana Verma said...

yah chauthi kavita bhi khoob hai!

आप सहित पूरे परिवार को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

अब की रचनाओं में चुनावों का असर दिखाई दे रहा है.....

आपको सपरिवार दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!

Randhir Singh Suman said...

दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!

Yogesh Verma Swapn said...

behatareen..........आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.

रविकांत पाण्डेय said...

सुंदर है हुज़ुर! दीपावली की शुभकामनाएं।

रविकांत पाण्डेय said...

सुंदर है हुज़ुर! दीपावली की शुभकामनाएं।

दिगम्बर नासवा said...

अच्छा व्यंग और करार तमाचा मारा है ...........साथ साथ मार्मिक सच भी लिखा है ........

गुरुदेव ये चारों एपिसोड कमल के बने हैं .......
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ...............

sandhyagupta said...

दीवाली की ढेर सारी शुभकामनायें.

Asha Joglekar said...

फैशन के इस दौर में गारंटी मत मांग ।
सही कहा आपने, बाकी तीनों की तरह ये भी बेबाक ।

Mumukshh Ki Rachanain said...

"फैशन के इस दौर में गारंटी मत मांग"

बिलकुल नहीं मांग रहे जनाब, जिताने की भी गारंटी नहीं.....हा, हा, हा.............

बढ़िया, मनोरंजक, समसामयिक राजनितिक कलाबाजियों की पोल खोलती रचना बेहद पसंद आई.

हार्दिक आभार.

दीपावली और भैया-दूज के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक अनंत शुभकामनाएं.........

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर

राजीव तनेजा said...

तीखा राजनैतिक व्यंग्य ... बोले तो एकदम झकास...