अल्हड़ बीकानेरी भी मौत से हार गये......

आज सुबह पता लगा कि हास्य-पुरोधा अल्हड़ बीकानेरी भी मौत से हार गये उनके साथ पढ़े, गुने और सुने पल आंखों के सामने तैर गये. मन में तुरंत फूटे उद्गार एक नवगीत की शक्ल में



दुक्खों का खत बांट रहे हैं
दुख भरे दिन

पहले गये
आदित्य, नीरज और गुर्जर
ऒम-जानी
बच गये लेकिन हैं जर्जर
हर सुबह
लेकर खड़ी जहरीली पिन

रो पड़े
सब को हंसाने वाले सारे
फिर हवा ने
पीपलों के रज पखारे
और देखे फिर
मसानों ने भरे दिन

हा री किस्मत
फूटा है दुर्भाग कुल्हड़
चल दिये हैं
स्वर्ग बीकानेरी अल्हड़
क्या कहूं
कैसे सहूं, अवसाद अनगिन

दुक्खों का खत बांट रहे हैं
दुख भरे दिन
--योगेन्द्र मौदगिल

16 comments:

Yogesh Verma Swapn said...

bahut dukh ke saath maun shradhanjali.ishwar unhen shanti pradaan karen aur santapt pariwar ko sahan shakti.

श्यामल सुमन said...

बहुत दुख हुआ जानकर। इन दिनों लगता है ऊपर वाले का "कवि-मु्क्ति" कार्यक्रम चल रहा है।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

दिनेशराय द्विवेदी said...

कौन रूप जीता है
उस मृत्यु से
रूप से प्यार छोड़ो
मिथ्या है यह
तत्व से नाता जोड़ो
वह सनातन
अविनाशी वह

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत दुखद, बीकानेरी जी को हार्दिक श्रद्धांजलि. लगता है कोइ कवि पंचक मे देह त्याग गये जो पांच तक पहुंचेगी. और शायद अब तो यह टोटका भी खत्म हो जाना चाहिये.

रामराम.

Kajal Kumar said...

दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि.

P.N. Subramanian said...

अल्हड बीकानेरी जी को हमारी श्रद्धांजलि

Vinay said...

भागवान उनकी आत्मा को शान्ति दे, हमारी तरफ़ से श्रद्धांजली...

ओम आर्य said...

बीकानेरी जी की आत्मा को भगवान शांति दे.........

सुशील छौक्कर said...

बड़ी दुखद खबर। अल्हड बीकानेरी जी को हमारी तरफ से श्रद्धांजलि ।

राज भाटिय़ा said...

बीकानेरी जी को हार्दिक श्रद्धांजलि.

Alpana Verma said...

अल्हड बीकानेरी जी को विनम्र श्रद्धांजलि.

Abhishek Ojha said...

अत्यंत दुखद !
बीकानेरी जी को श्रद्धांजलि.

अविनाश वाचस्पति said...

श्रद्धांजलि मेरी भी।
कविता में योगेन्‍द्र जी ने बखूबी अनुभूत दुख की अभिव्‍यक्ति की है।
श्‍यामल सुमन जी कवि मुक्ति कार्यक्रम नहीं, मुझे तो ऐसा लग रहा है कि स्‍वर्ग में भी हास्‍यकवि सम्‍मेलन का आयोजन होने वाला है, पर उस आयोजन पर पृथ्‍वीवासियों का बस कैसे चलेगा, वहां पर तो बेबस ही पहुंचेंगे।

दिगम्बर नासवा said...

अल्हड बीकानेरी जी को हमारी bhaavbheeni श्रद्धांजलि

राजीव तनेजा said...

क्या कहूँ?...
दुखी हूँ...इसलिए मौन हूँ

डॉ. मनोज मिश्र said...

बड़ी दुखद खबर,मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि..