झूठ की जै-जैकार, ज़माना लुच्चों का.
सच्चों को दुत्कार, ज़माना लुच्चों का.
टीवी, फिल्में, विग्यापन, अखबार सभी,
कपड़े रहे उतार, ज़माना लुच्चों का.
राज्य-सदन हो संसद या मंदिर-मस्ज़िद,
सब नोटों के यार, ज़माना लुच्चों का.
हमें शान्तिपाठ सिखाने वाले स्वयं,
बेच रहे हथियार, ज़माना लुच्चों का.
रंगदारी-अपहरण हुए उद्योगों से,
जन-गण-मन लाचार, ज़माना लुच्चों का.
सांडों के झगड़े में, शामत बछड़ों की,
दर्शक रंगे सियार, ज़माना लुच्चों का.
मर्द ढके कपड़ों में, औरत चिन्दी में,
क्या फैशन है यार, ज़माना लुच्चों का.
सारी दुनिया डूब, गई है पापों में,
लुच्चों की भरमार, ज़माना लुच्चों का.
--योगेन्द्र मौदगिल
सच्चों को दुत्कार, ज़माना लुच्चों का.
टीवी, फिल्में, विग्यापन, अखबार सभी,
कपड़े रहे उतार, ज़माना लुच्चों का.
राज्य-सदन हो संसद या मंदिर-मस्ज़िद,
सब नोटों के यार, ज़माना लुच्चों का.
हमें शान्तिपाठ सिखाने वाले स्वयं,
बेच रहे हथियार, ज़माना लुच्चों का.
रंगदारी-अपहरण हुए उद्योगों से,
जन-गण-मन लाचार, ज़माना लुच्चों का.
सांडों के झगड़े में, शामत बछड़ों की,
दर्शक रंगे सियार, ज़माना लुच्चों का.
मर्द ढके कपड़ों में, औरत चिन्दी में,
क्या फैशन है यार, ज़माना लुच्चों का.
सारी दुनिया डूब, गई है पापों में,
लुच्चों की भरमार, ज़माना लुच्चों का.
--योगेन्द्र मौदगिल
22 comments:
एकदम सच कहा मौदगिल जी!
wah maudgil ji aapki lekhni gazab dha rahi hai,vyngya men to aapka jawaab nahin, behtareen rachna, badhai sweekaren.
सही बात है। जमाना लुच्चों का ही है।
हम सब भी बेकार -जमाना लुच्चों का .
ज़माना वाकई लुच्चों का है सच्चे तो सारी जिन्दगी रोते ही रहते हैं ...
खूब खरी-खरी सुना रहे हैँ जनाब
पोस्ट ठेलते आप, हंसाने जन जन को,
टिप्पणी करते यार, जमाना लुच्चों का.
--बहुत खूब और सटीक धार!!
हा हा हा आप तो हास्य-हास्य में बहुत कुछ कह गए। बधाई।
सत्य वचन
लुच्चों की भरमार, ज़माना लुच्चों का.
जय हो !!!
जिते देखो उते लुच्चे. खूब कही. आभार.
सत्य वचन सरकार,जमाना लुच्चों का.....
बहुत बढिया लिखा ... सोलह आने सच।
अच्छा व्यंग्य:)
आपने मारा है मौदगिल ऐसा ब्यंग
थर्राई सरकार ज़माना लुच्चो का
फिर से मारा आपने... बहोत सही लगाया आपने... ढेरो बधाई..
अर्श
सच्ची सही बात ......आपका ये अंदाज़ बहुत खूब है मोदगिल साहब .........तीखा व्यंग, सच पर कड़वी बात
दुर्गा अष्टमी और राम जन्म की बहुत बहुत बधाई
बहुत सही है बात जमाना लुच्चों का.
रामराम.
sahi kaha, bilkul jamana hai hi luchho ka
ज़माना लुच्चो का
बहुत सही ....राम जन्म की बधाई.
bahut sateek aur sahi vyangya kiya hai...
*झूठ की जै-जैकार, ज़माना लुच्चों का.
सच्चों को दुत्कार, ज़माना लुच्चों का.
वाह योगेन्दर जी आप ने बहुत सच लिखा, मजा आ गया.
धन्यवाद
बहुत खूब कहा ...मज़ा आ गया
योगेन्द्र जी ,बस इतना कहूँगा -
खूब कही है बात जमाना लुच्चो का ।
Post a Comment