१
सूना रस्ता
नार नवेली
हाय री किस्मत
जान हथेली
२
नेता जी लंगोट के पक्के हैं
ब्रह्मचर्य का पालन
करना उन्हें खूब आता है
इसीलिये विरक्त हैं
घर-द्वार से
बस विधवा आश्रम
ही मन भाता है
३
वोट मांगने का
पूर्वाभ्यास उन्होंनें
अपने घर से शुरू किया
पत्नी से हाथ जोड़ बोले
आपका वोट ही तो है सहारा
बहन जी
ख्याल रखना हमारा
--योगेन्द्र मौदगिल
9 comments:
jhooth ki hi duniya hai ... aaj mai ne bhi kisi se bahut bada jhooth bola. lekin ye to duniya ka dastoor hai. Warna jeewan kaise chalega ?
क्षणिकाओं की सबसे बडी खासियत यह है कि वे कम शब्दों में अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहती हैं।
अच्छी क्षणिकाओं को पढवाने के लिए शुक्रिया।
सूना रस्ता
नार नवेली
हाय री किस्मत
जान हथेली
"सबसे अच्छी लगी "
Regards
मौदगिल की क्षणिकाएं
पहले लगे ज्यों हंसिकाएं
समझ में आएं तो लगती है
ज्यूँ आँख में कणिकाएं !
समझ में नहीं आ रहा की किसे कहूं अच्छी लगी... तीनो शानदार !
परिवार एवं मित्रों सहित आपको जन्माष्टमी पर्व की
बधाई एवं शुभकामनाएं ! कन्हैया इस साल में आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करे ! आज की यही प्रार्थना कृष्ण-कन्हैया से है !
धन्यवाद ताऊ. आपको भी कृष्ण जी वही प्रदान करें जो मुझे देने का प्रोग्राम बना रहे हैं.
समस्त ब्लागर मंडली को भी श्रीकृष्णजन्माष्टमी की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.
पारुल जी, ध्यान रखियेगा कि कव्वा ना काट जाए. शेष ठीक है..
महामंत्री महोदय, सीमा जी, अभिषेक जी और रामपुरिया जी हौंसला अफजाई के लिये शुक्रिया.
योगेन्दर जी तीनो ही एक से बढ कर एक हे, हमेशा की तरह से सुन्दर क्षणिकाएं,
धन्यवाद.
अब मेरी छुट्टिया खत्म हो गई हे इस कारण नेट पर आना कम हो गया हे.
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