tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post5321054223447787420..comments2023-10-30T13:42:53.538+05:30Comments on कवि योगेन्द्र मौदगिल: ग ज लयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-90295262314554829452008-09-07T09:48:00.000+05:302008-09-07T09:48:00.000+05:30'पेट से चलते हैं पैडल…'बहुत,बहुत ही मार्मिक।'पेट से चलते हैं पैडल…'<BR/>बहुत,बहुत ही मार्मिक।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-61607040040805604402008-08-18T19:03:00.000+05:302008-08-18T19:03:00.000+05:30ताऊ रामपुरिया जी, अनिल जी, मीत जी, स्मार्ट इंडियन ...ताऊ रामपुरिया जी, अनिल जी, मीत जी, स्मार्ट इंडियन जी, फंदेबाज जी, भाटिया जी, नीतीश जी, सीमा जी और बालकिशन जी आप सभी के विचारों के प्रति कृतग्यता ग्यापित करता हूं और त्रिपाठी जी आप को भी. आपके पानीपत आगमन की प्रतीक्षा रहेगी. आपकी टिप्पणी से कुछ पुराने सीन ताज़ा हो गये किन्ही कारणों से मैं भी जागरण में स्तम्भ नहीं दे पा रहा हूं.योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-13642397372588893422008-08-18T14:57:00.000+05:302008-08-18T14:57:00.000+05:30भाई मैंने आपके ब्लागों का अवलोकन कर लिया था.इसके प...भाई मैंने आपके ब्लागों का अवलोकन कर लिया था.इसके पहले कि उन्हें पढ़कर मैं अपनी राय लिखूं,आप खुद ही मेरे ब्लाग तक पहुंच गए.दरअसल,पानीपत से जागरण प्रबंधन ने मेरा स्थानांतरण दिल्ली कर दिया था.इसलिए भेंट भी नहीं हो पाई.इस बीच शीघ्र ही पानीपत आने की योजना है.मिलूंगा.चंडीगढ़ में रह कर भी रोज आपकी तस्वीर व रचनाओं से ब्लाग पर रूबरू हो रहा हूं.साथ ही नियमित टिप्पणी भी लिखूंगा.जगदीश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/08107791926096635566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-36588694202289416832008-08-18T14:27:00.000+05:302008-08-18T14:27:00.000+05:30अद्भुत है आपका लेखन.दर्द से सरोबर.बहुत खूब.अद्भुत है आपका लेखन.<BR/>दर्द से सरोबर.<BR/>बहुत खूब.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-1689889387333332542008-08-18T11:01:00.000+05:302008-08-18T11:01:00.000+05:30वक्त की धारा कहां, कब, मोड़ देती है बदन.सच तो ये ह...वक्त की धारा कहां, कब, मोड़ देती है बदन.<BR/>सच तो ये है आत्मा भी, छोड़ देती है बदन.<BR/><BR/>" but achee gazal,ek athah sach ke sath, bhut sunder"<BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-70979551272497049992008-08-18T04:32:00.000+05:302008-08-18T04:32:00.000+05:30वक्त की धारा कहां, कब, मोड़ देती है बदन.सच तो ये ह...वक्त की धारा कहां, कब, मोड़ देती है बदन.<BR/>सच तो ये है आत्मा भी, छोड़ देती है बदन<BR/>पहली दो लाइनें पढ़ी लगा इस में सार है...<BR/>झोंपड़ों में भी जवानी आ तो जाती है मगर,<BR/>चंद सिक्कों की खनक, झिंझोड़ देती है बदन.<BR/>फिर लगा इसमें है...<BR/>यदि ये ही करता रहा तो पूरी गजल यहीं उड़ेल दूंगा।<BR/>सुंदर अति उत्तम। बढि़या शब्द खत्म। अब सोने जा रहा हूं।Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-40386372060112838172008-08-18T00:52:00.000+05:302008-08-18T00:52:00.000+05:30बहुत ही सुन्दर गजल हे, अब किस पक्त्ति की तारीफ़ करु...बहुत ही सुन्दर गजल हे, अब किस पक्त्ति की तारीफ़ करु किसे छोडु, सब एक से बढ कर एक, बहुत बहुत धन्यवाद<BR/>झोंपड़ों में भी जवानी आ तो जाती है मगर,<BR/>चंद सिक्कों की खनक, झिंझोड़ देती है बदन.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-20368249832288879142008-08-17T19:30:00.000+05:302008-08-17T19:30:00.000+05:30बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने ! धन्यवादएवं बधाई !बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने ! धन्यवाद<BR/>एवं बधाई !ताऊजीhttps://www.blogger.com/profile/15156113325400105875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-33692363914157671042008-08-17T09:51:00.000+05:302008-08-17T09:51:00.000+05:30गज़ब की कविता है, योगेन्द्र मौदगिल जी. आभार!गज़ब की कविता है, योगेन्द्र मौदगिल जी. आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-83521315606449183142008-08-17T09:24:00.000+05:302008-08-17T09:24:00.000+05:30वाह ! सुबह सुबह बहुत अच्छी ग़ज़ल. बहुत सुंदर.वाह ! सुबह सुबह बहुत अच्छी ग़ज़ल. बहुत सुंदर.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-19362328317401026972008-08-17T09:12:00.000+05:302008-08-17T09:12:00.000+05:30bahut hi maarmik .dil ko chhu gayi ye post aapkibahut hi maarmik .dil ko chhu gayi ye post aapkiAnil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-52678102966876011242008-08-17T09:08:00.000+05:302008-08-17T09:08:00.000+05:30झोंपड़ों में भी जवानी आ तो जाती है मगर,चंद सिक्कों...<B>झोंपड़ों में भी जवानी आ तो जाती है मगर,<BR/>चंद सिक्कों की खनक, झिंझोड़ देती है बदन.</B><BR/><BR/>ये दर्द गहराई तक भेदता है ! तीव्र वेदना !<BR/>शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com