tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post4667320492313855855..comments2023-10-30T13:42:53.538+05:30Comments on कवि योगेन्द्र मौदगिल: ये दुनिया भी सर्कस जैसी........योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-26095060049281354372010-05-15T22:19:43.608+05:302010-05-15T22:19:43.608+05:30बहुत सुंदर.बहुत सुंदर.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-50265194853716575612010-05-15T20:47:16.451+05:302010-05-15T20:47:16.451+05:30घनी खूबसूरत अभिव्यक्ति से यो तो. मैं तो पहली बेर आ...घनी खूबसूरत अभिव्यक्ति से यो तो. मैं तो पहली बेर आई हु यहाँ . इतना बता देयो बस की कून से कोने ते हो हरियाणा के ? राम राम.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-53958736319134696202010-05-15T17:21:37.301+05:302010-05-15T17:21:37.301+05:30एक बार फिर शानदार...एक बार फिर शानदार...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-51278247924387450822010-05-15T10:05:39.956+05:302010-05-15T10:05:39.956+05:30जनाव वाकई ये दुनिया ये सर्कस के सामान ही है, पर कु...जनाव वाकई ये दुनिया ये सर्कस के सामान ही है, पर कुछ लोगों ने ब्लागजगत को भी सर्कस बना लिया है और इस सर्कस के दो रिंग मास्टर है अनुप शुक्ला और ज्ञानदद. इन्हें इस बार भूखे शेरों के सामने कर देना है. आइए शपथ ले.. ले शपथ.. अगिनपथ अगिनपथKumar Jaljalahttps://www.blogger.com/profile/17272554213360157887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-48637575851440757972010-05-15T06:29:25.865+05:302010-05-15T06:29:25.865+05:30बहुत ही सुन्दर व लाजवाब ।बहुत ही सुन्दर व लाजवाब ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-3592407435581503302010-05-15T00:03:18.507+05:302010-05-15T00:03:18.507+05:30बहुत सुंदर कविता जी धन्यवादबहुत सुंदर कविता जी धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-59239009869419140932010-05-14T21:47:30.621+05:302010-05-14T21:47:30.621+05:30बहुत दिन बाद आपका ब्लाग पढ़ने को मिला. सुंदर रचना ...बहुत दिन बाद आपका ब्लाग पढ़ने को मिला. सुंदर रचना के लिए आभार.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-15503423412260135802010-05-14T17:37:06.042+05:302010-05-14T17:37:06.042+05:30मुदगिल जी इस प्यारी सी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई...मुदगिल जी इस प्यारी सी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-13027303882600476052010-05-14T17:07:45.906+05:302010-05-14T17:07:45.906+05:30नमस्कार यौगेन्द्र जी,
एक अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई,
इन...नमस्कार यौगेन्द्र जी,<br />एक अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई,<br />इन शेरों के क्या कहने..........................<br />"नदिया के सपनों में आईं,<br />रातों-दिन सागर की बातें."<br /><br />"ये दुनिया भी सर्कस जैसी,<br />बातें भी जोकर की बातें."Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-61631443621575120812010-05-14T15:42:33.830+05:302010-05-14T15:42:33.830+05:30वाह! बहुत सुन्दर लगी आपकी रचना खास कर मक्ता और ये ...वाह! बहुत सुन्दर लगी आपकी रचना खास कर मक्ता और ये पंक्तियाँ दिल को छुं गई -<br />ये दुनिया भी सर्कस जैसी<br />बातें भी जोकर की बातेंIndranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-81160715088207655792010-05-14T15:25:52.208+05:302010-05-14T15:25:52.208+05:30लाजवाब प्रस्तुति.....सच्चे मन से निकली हुई....लाजवाब प्रस्तुति.....सच्चे मन से निकली हुई....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-72864426846717636962010-05-14T15:21:12.759+05:302010-05-14T15:21:12.759+05:30duniya hai circus jaisi waah...bahut khoob...duniya hai circus jaisi waah...bahut khoob...दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-30308616511105817242010-05-14T15:01:16.777+05:302010-05-14T15:01:16.777+05:30कुछ अपनी कुछ पराई बातें,
कह दी सारी दिल में जो आई...कुछ अपनी कुछ पराई बातें,<br /><br />कह दी सारी दिल में जो आई बातें!<br /><br />बहुत बढ़िया जी!शानदार!<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-32090234332672014032010-05-14T14:41:59.984+05:302010-05-14T14:41:59.984+05:30सुंदर रचना मन को भा गई।सुंदर रचना मन को भा गई।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-45928860981307566302010-05-14T14:17:09.708+05:302010-05-14T14:17:09.708+05:30टिप्पणी-४
अब हमार ई लेक्चर बहुते लंबा हुई रहा है. ...टिप्पणी-४<br />अब हमार ई लेक्चर बहुते लंबा हुई रहा है. हम इहां टिप्पू चच्चा से अपील करूंगा कि चच्चा आप जहां कहीं भी हो अब लौट आवो. अब तो अनूपवा भी पिंटू को बुला रहा है वैसन ही हम तौका बुलाय रहे हैं. हम तुम मिलकर इस अनूपवा, ज्ञानदत्तवा और इन छर्रे लोगों की अक्ल ठीक कर देंगे, लौट आवो चच्चाजी..आजावो..हम आपको मेल किया हूं बहुत सारा...आपका जवाब नाही मिला इस लिये आपको बुलाने का लिये ई टिप्पणी से अपील कर रहा हूं. अनूपवा भी अपना दूत भेज के ऐसन ही टिप्पणी से पिंटू को बुलाय रहा है. त हमहूं सोच रहे हैं कि आप जरुर लौट आवोगे. <br /><br />चच्चाजी सारा ब्लाग्जगत तुम्हरे साथ है. आकर इन दुष्टों से इस ब्लाग जगत को मुक्त करावो. सोनी जी के शब्दों मे तटस्थता भी अपराध है. हे चच्चा टिप्पू सिंह जी आपके अलावा अऊर किसी के वश की बात नाही है. अब तक केवल अनूपवा अऊर उसका छर्रा ही था अब त एक बहुत बडा हाथ मुंह पर धरे बडका आफ़सर भी न्याया धीश बन बैठा है. आवो च्च्चा टिप्पूसिंह जी...औ हम आपको मेल किया हूं. मुझे आपकी टिप्पणी चर्चा मे चर्चा कार बनावो. क्योंकि मेरी पोस्ट पर तो इन लोगों के दर से कोई आता ही नही है. <br /><br />अब हम अपने बारे मा बता देत हूं... हम सबसे पुराना ब्लागर हूं. जब अनूपवा भी नही थे ज्ञानदत्तवा भी नाही थे और समीरलालवा भी नाही थे. ई सब हमरे सामने पैदा भये हैं. अब हम आगया हूं अऊर चच्चा टिप्पू सिंह का इंतजार कर रहा हूं. अब आरपार की बात करके रहेंगे.<br /><br />इस हिसाब से हम आप सबके दद्दाजी लगते हैं औ हमे दद्दा ढपोरसिंह के नाम से पुकारा जाये. <br /><br />छर्रे का मतलब ज्ञानदत्तवा स्टाइल मा समझा देत हैं.<br /><br />छर्रे = pupil = प्युपिल = चेलवा = शिष्य = पढा जाये :- अव्यस्क व्यक्ति<br /><br />श्रंखला जारी रहेगी............ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-38261428129583911652010-05-14T14:16:51.184+05:302010-05-14T14:16:51.184+05:30टिप्पणी-३
अ. आप सबको टिप्पू चच्चा तो याद ही होंगे....टिप्पणी-३<br />अ. आप सबको<a href="http://tippanicharcha.blogspot.com/" rel="nofollow"> टिप्पू चच्चा</a> तो याद ही होंगे. अब बताईये टिप्पू चच्चा की क्या गलती थी? टिप्पू चच्चा कभी कभार अपना बिलाग पर कुछ उनकी अपनी पसंद की टिप्पणीयां छापकर टिप्पणी चर्चा किया करते थे. अऊर चच्चा ने गलती से अनूपवा की चिठ्ठाचर्चा वाला टेंपलेटवा लगा लिया. बस अनूपवा अऊर उसके छर्रे को मिर्ची लग गईल.<br /><br />एक रोज अनूपवा के छर्रे* (इस छर्रे का नाम हम इस लिये नही ले रहा हूं कि जबरन इसको क्यों प्रचार दिया जाये) ने चच्चा के लिये टिप्पणि करदी कि टिप्पू चच्चा तो गुजरे जमाने की बात हो गईल. यहीं से सारा झगडा शुरु हुआ. चच्चा ने अनूपवा से टिप्पणी हटाने का आग्रह किया जो कि नही हटाई गई.<br /><br />ब. इसी से नाराज होकर चच्चा टिप्पूसिंह ने अनूपवा अऊर उसके तथाकथित छर्रे के खिलाफ़ मुहिम चलाई पर अफ़्सोस च्च्चा थक गये पर अनूप ने वो टिप्पणी नही हटाई. बेशर्मी की हद होगई.<br /><br />स.उल्टे अनूपवा ने अजयकुमार झा साहब को परेशान कर दिया कि तुम ही टिप्पू चच्चा हो. झा साहब को तब टेंपलेट बदलना त दूर लिंक लगाना नाही आता था. लेकिन साहब अनूप तो त्रिदेव हैं फ़तवा दे दिया त देदिया.<br /><br />द. इसी अनूपवा अऊर इसके छर्रे ने बबली जैसी महिला को इनकी चिठ्ठाचर्चा पर सरे आम बेइज्जत किया. अपनी कल की पोस्ट मे ये दावा (अपने से छोटो और महिलाओं को मौज (बेइज्जत) नही लेते) करने वाले अनूप बतावो कि बबली तुमको तुम्हारे से छोटी और महिला नही लग रही थी क्या?<br /><br />इ. अनूपवा आगे फ़रमाते हैं कि वो कभी किसी से बेनामी कमेंट नही करवाते. तो बबली के लिये आज तक यहां वहां बिखरे कमेंट और दूसरे ढेरों ब्लागो पर बिखरे कमेंट, तुम्हारे समर्थन मे लगाई गई हिंदिब्लागजगत की पोस्ट तुमने लगाई या तुम्हारे छर्रों ने लगाई? जिस पर तुम्हारा कमेंट भी था. अब तुम कहोगे कि हमारे समर्थन मे त एक ही लगी है समीरलाल के समर्थन मा बाढ आगई, तो अनूप शुकुल तुम्हारी इतनी ही औकात है. <br />क्रमश:ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-55666164688364682142010-05-14T14:16:30.947+05:302010-05-14T14:16:30.947+05:30टिप्पणी-२
४. ज्ञानदत्त ने जो पोस्ट लिखी वो उसकी ...टिप्पणी-२ <br />४. ज्ञानदत्त ने जो पोस्ट लिखी वो उसकी और फ़ुरसतिया की सोची समझी रणनीती थी. ये दोनों लोग सारे ब्लागरों को बेवकूफ़ समझते हैं. इनको आजकल सबसे बडी पीडा यही है कि इन दोनों का जनाधार खिसक चुका है. समीरलाल को लोकप्रिय होता देखकर ये जलने लेगे हैं.<br /><br />ज्ञानदत्त ने जानबूझकर अपनी पोस्ट मे समीरलाल के लेखन को इस लिये निकृष्ट बताया कि उसको मालूम था इस पर बवाल मचेगा ही. और बवाल का फ़ायदा सिर्फ़ और सिर्फ़ मिलेगा ज्ञानदत्त अऊर अनूप को. और वही हुआ जिस रणनीती के तहत यह पोस्ट लिखी गई थी. समीरलाल के साथ साथ ज्ञानदत्त अऊर अनूप भी त्रिदेवों में शामिल होगये. अबे दुष्टों क्या हमारे त्रिदेव इतने हलकट हैं कि तुम जैसे चववन्नी छाप लोग ब्रह्मा विष्णु महेश बनेंगे? अपनी औकात मत छोडो.<br /><br />५. ज्ञानदत अऊर अनूप ऐसे कारनामे शुरु से करते आये हैं. इसके लिये हमारी पोस्ट <a href="http://dhaporsankh.blogspot.com/2010/05/blog-post_9004.html" rel="nofollow">'संभाल अपनी औरत को नहीं तो कह चौके में रह'</a> का अवलोकन कर सकते हैं. और इनकी हलकटाई की एक पोस्ट आँख की किरकिरी की पढ सकते हैं. ज्ञानदत्तवा के चरित्तर के बारें मा आप असली जानकारी बिगुल ब्लाग की <a href="http://sonirajkumar.blogspot.com/2010/05/blog-post_12.html" rel="nofollow">"ज्ञानदत्त के अनाम चमचे ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति"</a> इस पोस्ट पर पढ सकते हैं जो कि अपने आप मे सौ टका खरी बात कहती है.<br /><br />६. अब आया जाये तनिक अनूप शुक्ल पर = इस का सारा चरित्तर ही घिनौना और हलकट है. इसकी बानगी नीचे देखिये और अब तो आप को हम हमेशा ढूंढ ढूंढ कर बताता ही रहूंगा. <br /><br />शेष भाग अगली टिप्पणी में....ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-74346888074740506542010-05-14T14:17:09.709+05:302010-05-14T14:17:09.709+05:30This comment has been removed by the author.ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-16470623348794727662010-05-14T14:16:09.549+05:302010-05-14T14:16:09.549+05:30टिप्पणी-१
हम उडनतश्तरी पर राजकुमार सोनी साहब की ...टिप्पणी-१ <br />हम उडनतश्तरी पर <a href="https://www.blogger.com/comment.g?blogID=23257105&postID=6486634650956395956" rel="nofollow">राजकुमार सोनी साहब की टिप्पणी </a> का सौ प्रतिशत समर्थन करते हुये अपना बात नीचे रखना चाहूंगा. अगर आप में दम हो तो इसको जस का तस छापिये अऊर अगर आप भी अपने आपको त्रिदेव समझते हो तो रहने दिजिये.<br /><br />१. यह सत्य है कि आज समीरलाल के इर्द गिर्द या आसपास भी कोई ब्लागर कसी मामले में नही टिकता. <br /><br />२. जानदत्तवा अऊर अनूपवा का पिराब्लम ही सबसे बडा ई है कि वो दोनो अपने आपको सबका बाप समझते हैं. और समीरलाल की प्रसिद्धि से जलते हैं. समीरलाल ने यह प्रसिद्धि अपने बल पर और मेहनत पर पाई है.<br /><br />३, जैसा कि उपर सोनी जी ने कहा कि ज्ञानदत्तवा अपने आपको सबसे बडा जज समझता है जो कि खुद कलर्क बनने के काबिल नही है. उसको ये समझना चाहिये कि ये तीन चार साल पुराना ब्लागजगत नही है जो उसकी अफ़सरी को लोग सहन करेंगे बल्कि अब उससे भी बडे बडॆ अफ़सर ब्लागरी कर रहेहैं. अच्छा हुआ रेल का इंजन ब्लाग पर दौडाना छोड दिया अऊर ब्लाग पर हाथ गाल पर टिका के बैठ गया.<br /><br />क्रमश:......ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-37687177627051298692010-05-14T13:22:05.318+05:302010-05-14T13:22:05.318+05:30उम्दा प्रस्तुती,विचारणीय कविता /उम्दा प्रस्तुती,विचारणीय कविता /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-7844653554136027552010-05-14T13:05:17.518+05:302010-05-14T13:05:17.518+05:30किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया...किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-41703665667807818292010-05-14T12:51:14.003+05:302010-05-14T12:51:14.003+05:30बेहद खुबसूरत वाह...
regardsबेहद खुबसूरत वाह...<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com