tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post1977725239248260849..comments2023-10-30T13:42:53.538+05:30Comments on कवि योगेन्द्र मौदगिल: जब भी देखूं आईना तो........योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-63858360684021963182009-12-01T09:12:38.274+05:302009-12-01T09:12:38.274+05:30bahut khoob, aaj ke naujawanon ka sunder shabd cha...bahut khoob, aaj ke naujawanon ka sunder shabd charitrik chitra. behatareen.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-40115558642495247572009-11-28T22:32:17.098+05:302009-11-28T22:32:17.098+05:30योगेन्द्र जी मेरे गरीबखाने में पधारने का शुक्रिया ...योगेन्द्र जी मेरे गरीबखाने में पधारने का शुक्रिया ,मैं पुनः मुन्तजिर हूँ <br />कविताएँ और कविसम्मेलन दोनों से मेरा गहरा नाता है ,सुनना - सुनाना ही तो ज़िंदा रखे हुए है <br />आपकी गजल की तारीफ़ तो ऊपर सभी ने कर ली ,मैं भला क्या कहूँ ,मैं चकल्लस और हरियाणा..... दोनों ही घूम आयी ,शायद आउटर पे सदियों से रुकी हैं ये गाड़ियां ,मगर पसंद आयींalka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-82097025505409964202009-11-26T10:09:46.406+05:302009-11-26T10:09:46.406+05:30डाइनिंग-टेबुल के नीचे से पकड़ता रोटियां,
शख्स ये ...डाइनिंग-टेबुल के नीचे से पकड़ता रोटियां,<br /><br />शख्स ये सरकारी दफ्तर का कोई अफसर लगे.<br /><br />Bahut khub likha hai.Shubkamnyen.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-7926118300709913802009-11-25T23:24:31.199+05:302009-11-25T23:24:31.199+05:30वाकई ! हकीकत बयान की है आपने, आनंद आगया मुदगिल साह...वाकई ! हकीकत बयान की है आपने, आनंद आगया मुदगिल साहब !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-36466943387773048792009-11-25T17:17:47.218+05:302009-11-25T17:17:47.218+05:30सच को बहुत ही शानदान ढंग से बयां किया है आपने।
--...सच को बहुत ही शानदान ढंग से बयां किया है आपने।<br /><br />------------------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-69748608188904602782009-11-25T15:59:34.141+05:302009-11-25T15:59:34.141+05:30अल्लसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना,
तुम यकीं कर ल...<b>अल्लसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना,<br />तुम यकीं कर लो तो कर लो मुझ को आडम्बर लगे.</b> <br /><br />वाह वाह बहुत खुब <br />सभी शेर एक से बढ कर <br />बधाई<br /><br /><br />★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★<br /><b>प्रत्येक बुधवार रात्रि 7.00 बजे बनिए <br />चैम्पियन C.M. Quiz में </b><br />★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★<br /><b><a href="http://cmindia.blogspot.com" rel="nofollow"> क्रियेटिव मंच </a></b>Creative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-9777416190761644002009-11-24T17:03:31.468+05:302009-11-24T17:03:31.468+05:30नमस्कार यौगेन्द्र जी,
एक और खूबसूरत मोती आपकी गज़ल...नमस्कार यौगेन्द्र जी,<br />एक और खूबसूरत मोती आपकी गज़लों के हार से, मतला लाजवाब बन पड़ा है.<br />ये शेर "मुझको तेरी बेवफाई......." और "डाइनिंग टेबल....." के बारे में क्या कहूं, वाह वाह वाह वाह.Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-47293028436778638382009-11-24T07:05:05.403+05:302009-11-24T07:05:05.403+05:30गहरा कटाक्ष है ...... अप जब भी लिखते हैं ..... भूच...गहरा कटाक्ष है ...... अप जब भी लिखते हैं ..... भूचाल आ जाता है ....... कमाल का लिहा है .... प्रणाम ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-24810111514693479092009-11-23T10:18:22.622+05:302009-11-23T10:18:22.622+05:30क्या कहूँ.. सर जी. इस बार आपने लाजवाब कर दिया..
ऐस...<b>क्या कहूँ.. सर जी. इस बार आपने लाजवाब कर दिया..<br />ऐसा लाहा जैसे इस ग़ज़ल में आपने मेरे जैसे नवोदित के भी साम्य भाव को बड़ी सुन्दरता से उठाया है.<br /><br />पानीपत के इस योद्धा की जय हो.</b><br /><br />- <a href="http://sulabhpatra.blogspot.com/" rel="nofollow">सुलभ</a>Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-35136182701718512522009-11-23T10:02:19.347+05:302009-11-23T10:02:19.347+05:30अल सुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना....
भाई जी आपके...अल सुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना....<br />भाई जी आपके इस शेर को पढ़ कर 'कबीर' के दोहे याद आ गए...इस से अधिक क्या प्रशंशा करूँ...बेहतरीन<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-49708611816367986272009-11-23T07:49:14.844+05:302009-11-23T07:49:14.844+05:30योगेन्द्र भाई मतला और शुरू के दोनों शेर कमाल के ल...योगेन्द्र भाई मतला और शुरू के दोनों शेर कमाल के लिखे हैं । विशेष कर मतले के बाद का पहला ही शेर बहुत उम्दा बन पड़ा है । दोनों मिसरों में ग़ज़ब की तारतम्यता है । दोनों एक दूसरे के इस कदर पूरक बने हैं कि सुनते ही एक आनंद का माहौल बन रहा है । आपकी लेखनी पानीपत के मैदानों की लेखनी है तो इतनी आग तो उसमें होना स्वभाविक है । बेवफाई वाला शेर लम्बी दूरी का शेर है ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-18702553270688714812009-11-22T23:09:20.161+05:302009-11-22T23:09:20.161+05:30डाइनिंग टेबल के नीचे से पकड़ना रोटियाँ
शख्श ये सरक...डाइनिंग टेबल के नीचे से पकड़ना रोटियाँ<br />शख्श ये सरकारी दफ्तर का कोई अफसर लगे<br />bahut khoob kya tulna ki gayi ,man khush ho gaya is andaaz pe likhi hui rachna se .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-60257686197947619652009-11-22T21:25:13.411+05:302009-11-22T21:25:13.411+05:30अलसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना
तुम यकीं कर लो त...अलसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना<br />तुम यकीं कर लो तो कर लो मुझको आडम्बर लगे<br /><br />डाइनिंग टेबल के नीचे से पकड़ना रोटियाँ<br />शख्श ये सरकारी दफ्तर का कोई अफसर लगे<br />--वाह, कविजी! इन दो शेरों में आपने गज़ब ढाया है!<br />नये अंदाज़ में बेखौफ लिखा है मजा आ गया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-1253968334776446642009-11-22T20:02:36.249+05:302009-11-22T20:02:36.249+05:30किस की तारीफ़ करें, सारे शेर मंत्रमुग्ध करने वाले ह...किस की तारीफ़ करें, सारे शेर मंत्रमुग्ध करने वाले हैं।<br />बहुत बढ़िया, योगेन्द्र जी।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-74471737806388958522009-11-22T16:53:58.183+05:302009-11-22T16:53:58.183+05:30मुझ को तेरी बेवफ़ाई....... अरे वाह सभी शेर एक से बढ...मुझ को तेरी बेवफ़ाई....... अरे वाह सभी शेर एक से बढ कर एक बहुत खुब जनाब<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-38701881495622216872009-11-22T14:16:46.000+05:302009-11-22T14:16:46.000+05:30Yah gazal bhi kataaksh karti hui hai..
sabhi sher ...Yah gazal bhi kataaksh karti hui hai..<br />sabhi sher ek se badh kar ek hain!<br /><br />dusra sher gazab ka laga!Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-39918934139602341472009-11-22T11:08:06.452+05:302009-11-22T11:08:06.452+05:30अल्लसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना,
तुम यकीं कर ...अल्लसुबह परमात्मा का नाम लेकर चीखना,<br /><br />तुम यकीं कर लो तो कर लो मुझ को आडम्बर लगे.<br /><br /><br /><br /><br />डाइनिंग-टेबुल के नीचे से पकड़ता रोटियां,<br /><br />शख्स ये सरकारी दफ्तर का कोई अफसर लगे.<br /><br /><br />waah bahut khub,saare ke saare sher lajawab,aaj ki satyata darshate huye.mehekhttp://mehhekk.wordpress.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-66198978627952276682009-11-22T10:55:12.275+05:302009-11-22T10:55:12.275+05:30आज के हालात का पूरा जायजाआज के हालात का पूरा जायजाअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-40073962544048546722009-11-22T08:45:30.249+05:302009-11-22T08:45:30.249+05:30बहुत सो लिए एसी डबल बेडरूमों में,
आज तो खुली छत प...बहुत सो लिए एसी डबल बेडरूमों में,<br />आज तो खुली छत पे ही बिस्तर लगे ॥<br /><br />वाह मौदगिल जी ..कमाल सभी एक से बढ के एक ..मैंने भी एक अपना चेप दिया <br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow">अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-68943943068203357872009-11-22T08:34:21.015+05:302009-11-22T08:34:21.015+05:30एक-एक शब्द कटाक्ष करता प्रतीत हुआ ...बहुत बढियाएक-एक शब्द कटाक्ष करता प्रतीत हुआ ...बहुत बढियाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-19756042460349480642009-11-22T08:17:39.138+05:302009-11-22T08:17:39.138+05:30ये रोबोटों के शहर हैं,
दूर से हैलो-हाय कहना ही बेह...ये रोबोटों के शहर हैं,<br />दूर से हैलो-हाय कहना ही बेहतर...<br />हाथ मिलाया तो जल जाओगे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-22727172737700896952009-11-22T08:10:42.040+05:302009-11-22T08:10:42.040+05:30गाँव अब भी विकास के लिए जूझ रहा
खुद अपने में उलझा ...गाँव अब भी विकास के लिए जूझ रहा<br />खुद अपने में उलझा उलझा शहर लगे,<br />आदमी के रूप में जानवर घूम रहे है,<br />हर तरफ खौफनाक मंज़र लगे,<br />सड़क भी मौत का समान लिए पसरे पड़े है,<br />सबसे सुरक्षित बस बंद घर लगे,<br /><br />बदलते दौर पर एक बढ़िया पेशकश..बधाईविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-43610507578580176182009-11-22T06:41:34.374+05:302009-11-22T06:41:34.374+05:30आज तो बिलकुल ही मंत्रमुग्ध कर दिया मौदगिल सर... एक...आज तो बिलकुल ही मंत्रमुग्ध कर दिया मौदगिल सर... एक एक शेर दिल में उतर गया.. कैसे इतना सोच लिया???<br />जय हिंद...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-88998016042307444632009-11-22T05:57:12.865+05:302009-11-22T05:57:12.865+05:30सभी शेर लाजवाब. बहुत ही सुन्दरसभी शेर लाजवाब. बहुत ही सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5644679837404379931.post-27579419105906770312009-11-22T05:40:45.085+05:302009-11-22T05:40:45.085+05:30एक से एक बढ़कर ,सचमुच वाह !एक से एक बढ़कर ,सचमुच वाह !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com